(कापी, किताब, अन्य सामग्री, फीस यातायात फीस आदि के नाम पर खुली लूट के खिलाफ जन आंदोलन होगा)
शिक्षा के बाजारीकरण व मनमानी लूट का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। समाजिक कार्यकर्ता विनय किरौला ने कहा कि यदि, निजी स्कूलों ने एडमिशन फीस, फीस, कापी किताब व अन्य मुद्दों पर लूट खसोट नहीं रोकी तो उग्र आंदोलन होगा, जिसके लिए रणनीति व जन सहयोग की तैयारियां शुरू हो गयी है।
विनय किरौला ने बताया कि दिनांक 8 अप्रैल को एक पांच सदस्य शिष्टमंडल समाजसेवी विनय किरोला के नेतृत्व में जिला अधिकारी अल्मोड़ा से मिला जहां पर प्राइवेट विद्यालयों द्वारा वसूल किया जा रहे मनमाने शुल्क, ड्रेस और फीस आदि पर वसूल किया जा रहे हैं अतिरिक्त शुल्क , संबधी एक ज्ञापन सोपा गया जिसमें जिलाधिकारी अल्मोड़ा से यह अपील की गई कि शीघ्र अति शीघ्र इस विषय पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए अन्यथा एक आंदोलन को बाध्य होना होगा।आपको बता दें कि इन दोनों विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया का कार्य चल रहा है और निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा मनमानी किये जाने पर रोक की मांग की गयी।
समाजसेवी विनय करैला ने कहा कि पिछले एक सफ्ताह से दर्जनों अभिभावकों ने मुझसे संपर्क कर बताया कि उनके साथ प्राइवेट स्कूलो द्वारा हो रही खुली लूट को किसी मूल्य पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता,निम्न माध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों से शिक्षा का अधिकार छीनने व विद्यार्थियों को हीनता का शिकार करने के लिए प्राइवेट स्कूल प्रशासन अपनी इन नीतियों के माध्यम से तुला हुआ है, और यदि जिला प्रशासन इस विषय पर शीघ्र की शीघ्र कोई ठोस निर्णय नहीं लेता और यह खुली लूट बंद नहीं होती तो उन्हें उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और सारे आम अभिवाहक गण उनके साथ हैं और सभी सड़क पर उतर के इसका जोरदार विरोध करेंगेइस विषय पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए और ज्ञापन सौंपने के लिए कई अन्य अभिवाहक और सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे जिम मुख्य तौर परविशाल वर्मा, गिरीश चंद्रा, केपी जोशी मौजूद रहे।