देहरादून। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन करते हुये शिक्षकों की भर्ती के लिए बीएड की बाध्यता समाप्त कर दो वर्षीय डीएलएड को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य सरकार के इस फैसले से लगभग 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

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शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के वर्ष 2018 में जारी उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता की गई थी। उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय के अनुपालन में राज्य कैबिनेट द्वारा पहले ही राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली,

2012 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। जिसके क्रम में अब शासन ने उत्तराखंड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) (संशोधन) सेवा नियमावली, 2024 को जारी कर दी है। सरकार ने संशोधन से बेसिक शिक्षकों के लिए शैक्षिक योग्यता बीएड डिग्री को अमान्य कर दिया है।

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