यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 40 मजदूर अभी भी सुरंग में फंसे हुए हैं। शासन-प्रशासन की निगरानी में राहत व बचाव कार्य जारी है। लेकिन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में अभी दो दिन का और समय लग सकता है। बता दें कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं।नई एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ पाइप ही मलबे में डाला जा सका है। यहां पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। वहीं इस कार्य में एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ रहा है। सुरंग में करीब 70 मीटर तक मलबा पसरा हुआ है। इसे देखकर रेस्क्यू कार्य में एक से दो दिन का समय और लगने की संभावना है। हालांकि अंदर फंसे सभी 40 मजदूर सुरक्षित हैं। एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें खाने और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।हादसे के पांचवे दिन आज गुरुवार को सुरंग में ड्रिलिंग व राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वहीं, मजदूरों से संवाद भी किया जा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जितना ज्यादा हो सके सुरंग में फंसे श्रमिकों से संवाद बनाए रहें। सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के हर संभव प्रयास कर रही है।
5 दिन से टनल में फंसे 40 मजदूर, रेस्क्यू ऑपरेशन में लगेंगे और 2-3 दिन, ये है वजह
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