नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। आयोग की सिफारिशें वर्ष 2026 से लागू होंगी।

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कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, आयोग के अध्यक्ष एवं दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी। आठवें वेतन आयोग के गठन से सुनिश्चित होगा, सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले इसकी सिफारिशें मिल जाएं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 तक जारी रहेंगी।

सातवें वेतन आयोग का गठन वर्ष 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। इससे करीब एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ हुआ था। सातवें वेतन आयोग के लागू होने से वित्त वर्ष 2016-17 में खर्च में एक लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी।

वेतन आयोग हर 10 वर्ष में लागू किया जाता है। उम्मीद है, केंद्र सरकार जनवरी, 2026 से आठवां वेतनमान लागू कर देगी। इससे करीब 45 लाख सेवारत और 68 लाख सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मियों को लाभ होगा।

कितनी बढ़ेगी सैलरी

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़े बदलाव होंगे। अब तक के पैटर्न को देखें तो सरकारी कर्मचारियों का वेतन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर अलग-अलग लेवल पर रिवाइज होगा। बता दें कि 7वें वेतन आयोग ने सैलरी रिवीजन के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को अप्लाई किया था। वहीं, 8वें वेतन आयोग के तहत 2.86 के हाई फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की जा सकती है।

सैलरी में कितना इजाफा

ऐसा अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। वर्तमान में मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो लेवल 1 के तहत आने वाले कर्मचारियों को मिलती है। नई सिफारिशें लागू होने के बाद यह सैलरी स्ट्रक्चर रिवाइज हो जाएगा और लेवल 1 कर्मचारियों की पूरी सैलरी डबल में आ सकती है। इसी तरह, पेंशनभोगियों की पेंशन भी बड़ी बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, ये सिर्फ अनुमान हैं और वास्तविक वृद्धि आयोग की सिफारिशों पर निर्भर है।

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