जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखकर साहसपूर्वक आगे बढ़ने वाले व्यक्तियों के कदम चूमने के लिए सफलता सदैव आतुर रहती है। पटना में ‘अदम्या अदिति गुरुकुल’ चलाकर गरीब व अनाथ बच्चों को मात्र ग्यारह रुपए फीस लेकर पढ़ाने वाले और असंख्य युवाओं को कोचिंग देकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पदों के लिए तैयार कर रहे डॉ. माताऊर रहमान उर्फ गुरु रहमान बिहार ही नहीं बल्कि देश के अन्य भागों में भी जाने जाते हैं।

मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद इन्हें हिन्दू सनातन धर्म से प्रगाढ़ प्रेम है। अमिता नामक हिंदू कन्या से विवाह करने के कारण इन पर तीन बार जानलेवा हमला हुआ, लेकिन ये हर बार बच गए।

इनका कहना है कि इस दौरान मुझे पवनपुत्र हनुमान जी ने ही मेरी रक्षा की। जबरदस्त दबाव के बावजूद इन्होंने अपनों के निकट जाना छोड़ दिया लेकिन अपनी पत्नी को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य नहीं किया।

कुरान के साथ-साथ ये सनातन धर्म से जुड़े ग्रंथों का भी प्रचुर ज्ञान रखते हैं और ऋग्वेद पर पीएचडी भी की हुई है। इन्होंने अपने दोनों बच्चों के नाम भी हिन्दू सनातन धर्म के मुताबिक ही अदम्या और अदिति रखे गए हैं।

इनके द्वारा पढ़ाए हुए असंख्य युवा दरोगा और अन्य पदों पर सेवारत हैं। गुरु रहमान का कहना है कि हमारे विद्यार्थी भ्रष्टाचार रहित सेवाएं देने का संकल्प लेकर सेवा क्षेत्र में जा रहे हैं। सर्वाधिक प्रसन्नता की बात यह है कि अयोध्या में आयोजित हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आगामी 22 जनवरी को इन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि डॉ. रहमान जैसे लोग ही सच्चे समाजसेवी हैं, जिनके प्रयत्नों से भावी पीढ़ी अपने भविष्य की दिशा तय करने में सक्षम होती है।

( साभार ,महेंद्र ठकुराठी , सोशियल मिडिया)

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