(पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने किया मेडिकल कालेज का भ्रमण,सफाई व्यवस्था एवं मरीजों को हो रही दिक्कतों के लिए प्रधानाचार्य से की वार्ता)
पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा का भ्रमण कर स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां भर्ती मरीजों का हाल जाना तथा स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया एवं मरीजों को हो रही समस्या तथा सफाई आदि व्यवस्था को लेकर प्रधानाचार्य डॉ भैंसोड़ा से वार्ता की।इस अवसर पर पूर्व दर्जा मंत्री कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जनता को उचित उपचार एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो पा रही है या नहीं इसके निरीक्षण के लिए वह आज मेडिकल कॉलेज आए हैं। उन्होंने कहा कि वार्डों में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं है जिसके लिए उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से तत्काल दूरभाष पर वार्ता की एवं सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं जनता की मूलभूत आवश्यकता और उनका हक है।कहां कि इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रयासों से इस उद्देश्य के साथ कराई गई थी कि अल्मोड़ा सहित पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत सहित आसपास के सभी जिलों की जनता को इसका लाभ मिल सके। परंतु बड़े खेद का विषय है कि अभी भी मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपनी स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करें एवं जनता को समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं यहां पर तत्काल प्रभाव से मुहैया कराएं।उन्होंने कहा कि यदि जनता को इस मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाएं यथोचित रुप से नहीं मिलेंगी तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जनता को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यदि उन्हें पुनः धरने पर बैठना पड़ा तो वह उससे भी पीछे नहीं हटेंगे।इस दौरान उनके साथ हिमांशु कनवाल , राहुल कनवाल,देवेन्द्र कर्नाटक,अमर बोरा,हेम जोशी, प्रकाश मेहरा आदि उपस्थित रहे।गोरवतलब है कि मेडिकल कालेज में मशीनें शो पीस बन कर रह गयी है, कुशल टैकनिशियन, रेडियोलोजिस्ट के अभाव में सी0सी0नहीं हो पा रहे है।
यही हाल महत्वपूर्ण विभाग का है, अधिकाँश मामलों में मेडिकल कालेज या तो रैफर सेंटर बन गया, या हालात देख तिमारतदार खुद ही इलाज हेतु मरीजों को ले जाने में गुरेज कर रहे है। बताना चाहेगें सत्ताधारी जनप्रतिनिधि व अनेक बार बिट्टू कर्नाटक खामियों का खुलासा कर चुके है। पर ठाक के तीन पात की कहावत चरितार्थ हो रही है।