( यह मामला मेरे कार्यकाल का नहीं जाँच से पूर्व जिला पंचायत को कटघरे में खड़ा करना अनुचित, मामले में निष्पक्ष व पारदर्शी जाँच करायी जायेगी, मामले में दोषी पाये जाने परदोषियों को नहीं बक्शा जायेगा उचित कार्यवाही होगी-उमा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अल्मोडा़)

उत्तराखंड में आए दिन भ्रष्टाचार के नए नए मामले सामने आ रहे हैं एक मामला ठंडा नहीं पड़ रहा है दूसरा मामला लोगों को चौंका दे रहा है । अल्मोड़ा जिले के मनीआगर गांव का एक मामला सामने आया है जहा भाजपा ज़िला अध्यक्ष अनसूचित मोर्चा,वीरेंद्र कुमार आर्य और जिला पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत से 40 साल पुराने टैंक को चूना पोतकर नया दिखाया गया और 30 लाख रुपए की हेराफेरी होने की उम्मीद हैइसके आलावा देवीय आपदा मद से कागजों में रास्ते का निर्माण दिखाकर 4,50 लाख रूपए बीजेपी ज़िला अध्यक्ष अनूसूचित मोर्चा, वीरेंद्र कुमार आर्य ने अपने जेब में डाल लिए।

इस बात का खुलासा तब हुआ जब गांव के लोगों की शिकायत पर मुद्दा टीवी खबर की ओर से जिला पंचायत अल्मोड़ा में वीरेंद्र कुमार आर्य के द्वारा कराए गए कार्यों की बारे में आरटीआई के तहत सुचना मांगी गई सूचना मे जो चौकाने वाले तथ्य सामने आए उससे ज़िला पंचायत अलमोड़ा के अधिकारियो और बीजेपी नेता की मिलीभगत साफ नज़र आती है।

आरटीआई में पता चला कि वीरेंद्र कुमार आर्य ठेकेदार जो कि वर्तमान में भाजपा जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा अनुसूचित मोर्चा है उसके द्वारा ग्राम मनिआगर में एससीपी योजना के तहत कलसीमा से सैम मंदिर तक 30 लाख रुपए की योजना के अंतर्गत एक टैंक निर्माण और 2715 मीटर लंबाई के पाइप दिखाए गए हैं ।

जबकि धरातल में लोगों ने बताया कि ना तो इतने पाइप डाले गए हैं और ना ही सैम मंदिर में कोई नया टैंक का निर्माण वीरेंद्र कुमार आर्य ठेकेदार के द्वारा कराया गया है । बल्कि लगभग 45 साल पुरानी टैंक को ही चुना पोतकर नया दिखाया गया है ऐसे में सवाल यह उठता है की कैसे जिला पंचायत के अधिकारियों ने उक्त योजना में वीरेंद्र कुमार आर्य ठेकेदार को पूरी पेमेंट कर दी ? और किसने वीरेंद्र कुमार आर्य को उक्त कार्य की एनओसी दी ?इसके अलावा भी वीरेंद्र कुमार आर्य ने देवीय आपदा मद के तहत ग्राम मनियागर में ₹4लाख 50 हज़ार के रास्तों का निर्माण कार्य दिखाए हैं जबकि गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे कोई नए रास्ते बीजेपी नेता व ठेकदार वीरेंद्र कुमार आर्य के द्वारा नही बनाए गए हैं ।

ऐसे में एक बार फिर सवाल ज़िला पंचायत अल्मोड़ा के अधिकारियो पर आकर अटक जाता है कि कैसे ज़िला पंचायत द्वारा वीरेंद्र कुमार आर्य ठेकेदार को साढे चार लाख रुपए की पेमेंट कर दी गई है ।अब देखने वाली बात ये होगी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा देने वाली भाजपा सरकार क्या कदम उठाने है।

सोशियल मीडिया पर यह समाचार वाइलर होने पर हमने इस प्रकरण में सत्यता जानने हेतुजिला पंचायत अध्यक्ष उमा सिंह से फोन पर बात कर, पक्ष लिया। उमा सिंह ने बताया यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है आज २४/०८/२०२३को यह मामला सोशल मीडिया में वाइरल होने परउनके संज्ञान में लाया गया। इस प्रकरण में सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सूचना मांगी गयीहै आवेदक को जिला पंचायत अल्मोडा़ ने नियमानुसार उपलब्ध करा दी गयी है।

यह पूरा प्रकरण जाँच का विषय है, जाँच से पहले जिला पंचायत को व संबधित को कटघरे में खड़ा करना अनुचित है। उन्होने कहा मामले में निष्पक्ष व पारदर्शी जाँच करायी जायेगी।

जाँच में दोषी पाये जाने परदोषियों को बक्शा नहीं जायेगा। नियमानुसार कार्यवाही होगी। अभी जिलापंचायत को बिना जाँच परिणाम दोषी करार देना अनुचित होगा।

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