(अध्यक्ष, व सदस्यों ने अलग अलग फैसला सुनाया, अध्यक्ष ने शिकायतकर्ता पर गलत शिकायत प्रस्तुत करने पर पचास हजार जुर्माना ठोंका, सदस्यों ने जुर्माना पर असहमति जताई)

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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग अलमोडा़ में पहली बार एक फैसला सुनाया गया, जिसमें गुण-दोष के आधार पर बहस सुनने के उपरांत अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल ने शिकायतकर्ता पर ही प्रतिवादी के विरुद्ध गलत तरीके से शिकायत प्रस्तुत करने पर पचास हजार रुपए का जुर्माना ठोंका।

वहीं दूसरी तरफ आयोग की वरिष्ठ सदस्य विद्या बिष्ट ने इस जुर्माना पर अपनी असहमति जताई और निर्णादेश पर हस्ताक्षर से इंकार कर दिया, वहीं दूसरे सदस्य सुरेश कांडपाल ने भी अध्यक्ष के फैसले पर असहमति जताई और सदस्य विद्या बिष्ट का समर्थन कर हस्ताक्षर किए। अध्यक्ष व सदस्यों ने अलग अलग निर्णय दिये।

अल्मोड़ा के उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय में तीस साल के अधिक समय में यह पहला फैसला किया गया है, जब अध्यक्ष व सदस्यों के मध्य सहमति न हो,और अलग अलग आदेश दिया है।गौरतलब तलब है अब किस निर्णय को पुष्टि की जायेगी यह आने वाला वक्त बताएगा लेकिन यह निर्णय अनूठा फैसला है। देखिए दोनों निर्णादेश

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