हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग बृहस्पतिवार को क्वारब पुल के पास भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात के लिए बंद हो गया था। एनएच बंद होने से अल्मोड़ा से हल्द्वानी, नैनीताल के लिए वाहनों को खैरना-रानीखेत, शहरफाटक-मोतियापाथर-खुटानी होते हुए आवाजाही करनी पड़ रही थी।
शुक्रवार को दोपहर में मलबा हटाने के बाद वाहनों की आवाजाही शुरु हुई। खतरे को देखते हुए शुक्रवार और शनिवार एनएच को शाम सात से सुबह पांच बजे तक बंद कर दिया गया। रविवार को फिर से एनएच के अधिकारियों की टीम ने मौके पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद आखिरकार तीन दिन बाद रविवार की रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई।
सुरक्षा की दृष्टि की राष्ट्रीय राजमार्ग अल्मोड़ा-हल्द्वानी रात्रि में शाम सात से सुबह पांच बजे तक बंद किया गया था। तीसरे दिन रविवार की रात को भी मार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है। विजय कुमार, ईई, एनएच।
जिले की सड़कों में 57 डेंजर जोन, बारिश में बना रहता है खतरा पहाड़ के सफर में डेंजर जोन भी यात्रियों की कठिन परीक्षा ले रहे हैं। आपदा कंट्रोल रूप से मिली जानकारी के मुताबिक जिले की सड़कों में कुल 57 डेंजर जोन चिह्नित हैं। अल्मोड़ा में सर्वाधिक 28 डेंजर जोन हैं। इसके अलावा सोमेश्वर तहसील में क्षेत्र में नौ, भतरौंजखान में तीन, द्वाराहाट में दो, लमगड़ा में तीन, सल्ट में दो डेंजर जोन हैं। लोक निर्माण अल्मोड़ा निर्माण खंड द्वितीय में सात, राष्ट्रीय राजमार्गों में तीन समेत जिले में कुल 57 डेंजर जोन चिह्नित किए गए हैं। बदहाल सड़कों के चलते वाहन दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में डेढ़ साल में सड़क दुर्घटनाओं में 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 27 पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा 86 से अधिक लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचे हैं।