लोहाघाट। चम्पावत के देवीधुरा स्थित वाराही धामी परिसर में रक्षाबंधन के अवसर पर खेली गई ऐतिहासिक बग्वाल के लाखों लोग साक्षी बने। करीब दस मिनट चली बग्वाल के दौरान आठ दर्जन से अधिक लोग चोटिए हुए। बग्वाल देखने के लिए दूरदराज से पहुंचे लोगों में अपार उत्साह दिखाई दिया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी मां वाराही का आशीर्वाद लिया। सोमवार को बग्वाल की शुरुआत के दौरान पश्चिम दिशा से पहले वालिक खाम के बागवाली वीर अपनी पोशाक के साथ पहुंचे तथा सभी ने मां वाराही की परिक्रमा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद उत्तर दिशा से गहरवाल तथा चम्याल खामों के लोगों ने प्रवेश किया। सबसे अंत में लमगडिय़ा खामों के लोगों ने प्रवेश किया।
बगवाल मैदान के उत्तरी छोर में गहरवाल एवं चम्याल खाम तथा पश्चिमी छोर में लमगडिय़ा एवं वालिक खाम के वीरों ने मोर्चा संभाला। इससे पूर्व गहड़वाल खाम के 95 वर्षीय खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट, चम्याल खाम के गंगा सिंह चम्याल, वालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट एवं लमगडिय़ा खाम के सबसे युवा खाम प्रमुख वीरेंद्र लमगडिय़ा ने आपस में विचार विमर्श किया। सभी ने मां वाराही से बग्वाल के सही सलामत संपन्न होने की प्रार्थना की। मंदिर से ठीक 02:05 बजे शंखनाद हुआ।
इसी के साथ बग्वाल शुरू हो गई तथा दोनों ओर से पत्थर फल-फूल बरसने लगे जो दस मिनट तक चले।मंदिर के पुजारी पीताम्बर वस्त्र धारण करते हुए चंवर झूलाते हुए मैदान में पहुंचे। इसी के साथ बग्वाल शांत हो गई। बग्वाल की कमेंट्री पीठाचार्य कीर्ति शास्त्री कर रहे थे। बग्वाल में आठ दर्जन से अधिक बग्वाली वीर चोटिल हुए जबकि लगभग 500 से अधिक बग्वाली वीरों ने बग्वाल में भाग लिया।