(स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पौत्र कर्नल रवि पांडेय, जिला बार एसोसिएशन अलमोडा़ के पूर्व अध्यक्ष शेखर लखचौरा रहे, महफ़िल के गवाह)

जाने-माने कवियों ने काव्य पाठ किया।छंजर सभा अल्मोड़ा के तत्वाधान में प्रो.सैय्यद अली हामिद के आवास में आयोजित की गई। आयोजन की अध्यक्षतां वरिष्ठ साहित्यकार एवम रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज द्वारा की गई,मुख्य अतिथि के रूप में डा.हयात सिंह रावत जी संपादक ‘पहरु’ तथा संचालन सेवनिवृत प्रधानाचार्य नीरज पंत द्वारा किया गया।गोष्ठी में अध्यक्ष एवम मुख्य अतिथि के अतिरिक्त कर्नल रवि पांडे जी,ऐडवोकेट शेखर लखचौरा जी,कमल जोशी,नवोदित युवा कवियत्री वाग्मी जोशी,श्री कंचन तिवारी,नीलम नेगी,प्रो. हामिद,डा.दीपा गुप्ता,मीनू जोशी,कमला बिष्ट,रमेश मिश्रा,नीरज पंत,विपिन चंद्र जोशी’ कोमल’,डा,धाराबल्लभ पांडे सहित अनेक साहित्यकार व श्रोतागण उपस्थित रहे। सर्वप्रथम प्रो. हामिद जी द्वारा छन्जर सभा के संरक्षक वरिष्ठ साहित्यकार एवम् रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज का अंगवस्त्र ओढ़ाकर सादर अभिनंदन किया गया, तत्पश्चात गोष्ठी का शुभारंभ सुप्रसिद्ध संगीतकार श्री कंचन तिवारी द्वारा मां सरस्वती की कुमाउनी में वंदना गान से प्रारंभ हुआ.।

काव्य गोष्ठी के संचालक महोदय द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी कवि साहित्यकारों का औपचारिक स्वागत किया गया, तत्पश्चात् उपस्थित कवि/साहित्यकारों द्वारा सम सामयिक विविध विषयों तथा प्रचलित परंपरा आधारित रचनाओं के साथ बसंत,होली ,महिला सरोकारों जैसे अन्य कई प्रासंगिक/ज्वलंत विषयों पर भी आधारित हिंदी,कुमाउनी व अंग्रेजी आधारित कवितायें ,गीत काव्य व गज़लें पढ़ी गईं. ।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में त्रिभुवन गिरी महाराज जी ने आज के भव्य आयोजन तथा प्रस्तुत रचनाओं की सराहना की..वरिष्ठ व विद्वान सहित्यकारों द्वारा प्रस्तुत उत्कृष्ट व स्तरीय रचनाओं ने समा बाँधा।उन्होंने कहा यद्यपि कोविड काल के कारण कविगणों का अनवररत समागम भी प्रभावित हुआ है किंतु अब छंजर सभा की स्थापना के मौलिक उद्देश्य एवं परंपरागत स्वरुप को बनाये रखने हेतु सभा से जुड़े प्रत्येक कवि साहित्यकार का सक्रिय सहभागी होना जरुरी है,सभी कवि साहित्यकार साथी संगठित हो ऐसे ही काव्य गोष्ठियों का आयोजन करते रहें, ताकि कवियों में रचनात्मक शिथिलता न आने पाए, वाग्मी जोशी जैसे नये उदीयमान रचनाकारों का जुड़ना सभा को रचनात्मक ऊंचाइयों पर स्थापित कर पाने में सहयोग करेगा,छंजर सभा में रचनाधर्मिता एवं सामूहिक सहभागिता के प्रति समर्पित भाव से चिंतन आवश्यक है।*

मुख्य अतिथि श्री हयात सिंह रावत जी ने अन्य अनेक साहित्यिक मार्गदर्शन देते हुए हिंदी के साथ कुमाउनी भाषा में रचनाधर्मिता के संवर्द्धन हेतु भी सभी के सम्मिलित प्रयासों पर चर्चा की तथा सभी प्रस्तुतियों की सराहना की.*

विशिष्ट अतिथि स्वरूप उपस्थित शेखर लखचौरा जी ने कुछ उभरते कवि साहित्यकारों के उत्कृष्ट काव्यों का पाठ किया तथा इस बात पर भी सुझाव दिया कि साहित्य में अनेक लब्ध प्रतिष्ठित कवि हुए हैं जिनकी रचनाओं का भी पाठ किया जाए ताकि उनकी रचनाओं में विद्यमान विधा,शैली,विविध विषयगत विशिष्टताओं से सीख कर अपनी रचनाओं को और अधिक परिष्कृत किया जा सके,साथ ही उन्होंने छंजर सभा के आयोजनों में अपने तन मन और धन से हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया.*

विशिष्ट अतिथि रूप में उपस्थित कर्नल रवि पांडे जी ने भी पूर्व में हुए लब्ध प्रतिष्ठ कवि की दुर्लभ रचना का पाठ करते हुए अनेक संस्मरणों /अनुभवों को साझा किया जो अल्मोडा शहर के अनूठे साम्प्रदायिक सौहार्द की पृष्ठभूमि पर आधारित थे, साथ ही सभी प्रस्तुत रचनाओं की सराहना की.।

गोष्ठी के आयोजक प्रो.सैय्यद अली हामिद जी ने सभी उपस्थित कवि साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। संचालन करते हुए नीरज पंत जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए अध्यक्ष महोदय की अनुमति से काव्य गोष्ठी के समापन की औपचारिक घोषणा की।

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