देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की महिलाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलते हुए उन्हें अब रात्रि पाली (Night Shift) में काम करने की औपचारिक अनुमति दे दी है। यह फैसला प्रदेश में महिला कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और उन्हें पुरुषों के समान व्यावसायिक स्वतंत्रता देने के उद्देश्य से लिया गया है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद श्रम विभाग ने इस संबंध में विस्तृत अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है, जिसके तहत महिला कर्मचारी अब रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक विभिन्न संस्थानों में काम कर सकेंगी। यह अधिसूचना श्रम सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अद्दांकी द्वारा जारी की गई है।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता: कड़े नियम अनिवार्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भले ही महिलाओं को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति दी गई है, लेकिन उनकी सुरक्षा और सहमति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
- सहमति अनिवार्य: किसी भी महिला कर्मचारी को रात्रि पाली में काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। नियोजक (Employer) के लिए हर महिला कर्मचारी की लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। यदि कोई महिला रात में काम नहीं करना चाहती है, तो उसे बाध्य नहीं किया जाएगा।
- सुरक्षित परिवहन: नियोजकों को महिला कर्मचारियों को घर से कार्यस्थल तक और वापस छोड़ने के लिए पिक-अप और ड्रॉप की सुरक्षित परिवहन सुविधा देना अनिवार्य होगा।
- टेक्नोलॉजी आधारित सुरक्षा: इस परिवहन व्यवस्था में पैनिक बटन और जीपीएस सिस्टम होना जरूरी है।
- जानकारी साझा करना: यदि किसी संस्थान में महिलाएँ रात की ड्यूटी करेंगी, तो इसकी जानकारी संबंधित श्रम अधिकारी और थाना प्रभारी को देनी होगी।
- कार्यस्थल की सुरक्षा: कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षित शौचालय, चेंजिंग रूम और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
- कानूनी अनुपालन: कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम कानून 2013 के सभी प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
सरकार का यह कदम महिलाओं को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।






















