( उत्तराखंड सेवा निधि अलमोडा़ की पच्चीसवीं संगोष्ठी में नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ० ओ पी० यादव ने एक से अधिक घंटे चली गोष्ठी में स्लाइड शो के माध्यम से विस्तार से समझाया)

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उत्तराखंड सेवा निधि अलमोडा़ के तत्वावधान में पच्चीसवीं संगोष्ठी के रूप में हृदय रोग से उपचार, चेतावनी आदि पर नैशनल हार्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली के सी ई ओ डाक्टर ओ पी यादव (जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ) की एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड सेवा निधि के अध्यक्ष पद्यम श्री डाक्टर ललित पांडेय के द्वारा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत से हुयी। गोष्ठी का संचालन कमल जोशी द्वारा किया गया।

अपने व्याख्यान की शुरुआत करते हुवे डाक्टर ओ पी यादव ने कहा जीन्स, अनुवांशिकता के साथ वातावरण का प्रभाव बहुत ज्यादा प्रभावित होता है। वातावरण के साथ समझौता किया जा सकता है अन्य के लिए।चरक संहिता कहती हैं आज एम आर आई से सिद्ध होता है प्रार्थना, कविता व प्राणायाम हृदय रोग को रोकने में सहायक होते हैं ।

यह वैज्ञानिक सिद्ध कर चुके हैं।ध्वनि प्रदुषण, वायु प्रदुषण, सड़क प्रदुषण घातक है।जीन्स का योगदान है बहुत कम होता है। भारत में यदि मौतों का आंकड़ा देखा जाय तो हृदय रोग कैंसर से अधिक जानलेवा हो रहा है। कैंसर से ज्यादा दिल के रोगी मौत के शिकार हो जाते हैं।महिलाओं में पहचाने में देरी हो जाती हैं ,सरकार ने2007-2008 में सर्वेक्षण कराया था।

जिसमें 50, 25,75 प्रतिशत रोगियों में हदय रोग का प्रमुख कारणतम्बाकू सेवन, नियमित व्यायाम की कमी है । इनसे 90प्रतिशत लोग ग्रस्थ है। एक चौथाई मोटापा, मदिरापान कारण है।”कला, बुद्धि का गलत प्रयोग हदय गति का व हृदय रोगप्रमुख कारण है चरक संहिता।”अति वसा, तनाव, डायबिटीज भी हृदय रोगप्रमुख कारण है।हदय रोग व डायबिटीज में पांच साल का अंतर होता है।140,/ 90संकेत है हाइपरटेंशन का लक्षण है।तम्बाकू शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है।

भारत में पचास प्रतिशत लोग सेवन करते हैं।धूएं से समीप वाले प्रभावित होते हैं। धुम्रपान के वैकल्पिक उपायवैपरिंग ई सिगरेट अधिक घातक है।मोटापा पूरे शरीर को प्रभावित करता है। स्लाइड शो के माध्यम से समझाया मोटापा भी एपल , नाशपाती आकार का होता है। पुरूषों की छाती 90,सेमी महिलाओं 85 सेमी छाती की नाप से ज्यादा नहीं होना चाहिए।भौतिक व्यायाम का आभाव हदय रोग का प्रमुख कारण है।मनुस्मृति का उदाहरण देते हुए कहाअधिक खाना खाते हैं तो स्वर्ग के रास्ते बन्द हो जाते हैं।फास्ट फूड रोग का कारण है गेहूं, , रिफाइंड शुगर, आदि ।

कारण है।भूख न लगने पर नहीं खाना चाहिए।बिस्कुट, डबलरोटी, तली गली चीज से बचें प्रजर्व चीज से बचिए।न अति किजिए न इति किजिए।त्योहार की कढ़ाई घातक है।शराब की एक बूंद भी शरीर के हानी कारक है। शराब, न पीना हानिकारक है। हदय रोग से बचाव केव्यायाम आवश्यक है।साथ हीतनाव कम होना आवश्यक है।तनाव पाचन पर प्रभाव डालता है।पारिवारिक तनाव, मोबाइल आदि हदय रोग के कारण है।छ से आठ घंटे की नींद आवश्यक है। किरणें ब्लू रेटिंना पर‌ प्रभावित करती है।

पीली रोशनी आवश्यक है।टी एम ओ कैंसर करता है जले पदार्थ का काला हिस्सा। अपने व्याख्यान को समाप्त करते हुऐ कहा आज देश को एक नये गांधी और सेहत सत्याग्रह की आवश्यकता है।इस संगोष्ठी में शहर के जाने-माने चिकित्सक, शिक्षाविद्, अनेक समाजिक संगठनों के पदाधिकारी, सेवानिवृत्त, व्यापारी, व अधिवक्ताओं ने भाग लिया। संगोष्ठी का समापन पद्मश्री ललित पांडेय ने साधुवाद के साथ किया।

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