अल्मोड़ा से सटे फलसीमा गांव की एक वयोवृद्ध, अनपढ़ महिला श्रीमती भागीरथी देवी के नाम से सरकारी, गैर सरकारी लोगों, स्थानीय दलालों की मिली भगत से हुए जमीन के रजिस्ट्री बैनामे को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा श्री दयाराम ने कोतवाली अल्मोड़ा को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। फलसीमा गांव की गोल खाते की बंटवारा जमीन को नजफगढ़ रोड, नागलोई, दिल्ली निवासी अविनाश यादव ने 35 रजिस्ट्री के माध्यम से करीब 72 नाली जमीन खरीदी है, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी असंतोष रहा है। इन मामलों के प्रकाश में आने के बाद 13 फरवरी 2023 को अल्मोड़ा में “माफिया भगाओ,पहाड़ बचाओ, “भूमाफिया भगाओ, उत्तराखंड बचाओ जन अभियान के अंतर्गत जोरदार प्रदर्शन भी हुआ जिसके बाद अल्मोड़ा की तत्कालीन जिलाधिकारी वंदना ने इन मामलों की जांच के आदेश दिए थे।
पीड़ित महिला भागीरथी देवी एवं ग्रामवासियों की शिकायत है की भागीरथी देवी अपनी एक जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए 26 जुलाई 2022 को रजिस्टार कार्यालय अल्मोड़ा गई थी और 20 अगस्त 2022 को हुई रजिस्ट्री के दिन वह रजिस्ट्रार कार्यालय गई ही नहीं थी किन्तु उनके आधार कार्ड एवं अन्य अभिलेखों का दुरुपयोग कर उनके नाम से कूटरचित फर्जी बैनामा किया गया।
पीड़ित महिला ने इस मामले का पता चलने पर 31 मई 2022 को कोतवाली अल्मोड़ा में लिखित रिपोर्ट दी किंतु पुलिस ने उसे दर्ज नहीं किया। लगातार प्रयास करने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़ित की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा के न्यायालय में 156 (3) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की प्रार्थना के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, इसमें न्यायालय ने कोतवाली अल्मोड़ा को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
घटना के सामने आने के बाद जमीन क्रय करने वाले अविनाश यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन अल्मोड़ा के न्यायालय में स्वयं द्वारा की गई रजिस्ट्री को भूलवश होना बताते हुए निरस्त करने का मुकदमा दर्ज किया, जो अभी चल रहा है। पीड़ित महिला ने इसे उसकी जमीन को कूटनीति से कब्जा करने की सुनियोजित साजिश बताते हुए कहा है कि इस मामले में सम्मिलित लोग आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए रजिस्ट्री को निरस्त करने का वाद लाए हैं इसका उनके द्वारा कड़ा विरोध किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अल्मोड़ा श्री दयाराम द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के इस आदेश पर रिपोर्ट दर्ज होंने के बाद यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाई , तो उसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे।
पीड़ित महिला की ओर से एडवोकेट पी सी तिवारी ने पैरवी की।आदेश की प्रति संलग्न





