हल्द्वानी के बनभूलपुरा कांड केउपद्रवियों पर NSA की कार्रवाई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने गलत,बताया है, उन्होंने कहा हल्द्वानी हिसा को लेकर धामी सरकार सख्त एक्शन लेने के मूड में नजर आ रही है। जिसके तहत उपद्रवियों की पहचान करने के बाद उनपर एनएसए के तहत करावई की जाएंगी।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि एनएसए के तहत कार्रवाई ठीक नही हैं। ये ज्यादातर आंतकवादियों पर की जाती एनएसए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट कानून है जिसके तहत यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने रहता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार भी किया जाता है।सरकार जहां हल्द्वानी की घटनाक्रम को गंभीर मानते हुए सख्त कार्रवाई कर बड़ा संदेश भी देने की कोशिश कर रही है।
तो वहीं विपक्ष इस कार्रवाई को भड़काने वाली बता रहा है।इंडिया एलाइंस के घटक दलों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुलाकात की.उन्हें हल्द्वानी हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा. साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्होंने नैनीताल जिलाधिकारी और एसएसपी को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाए जाने की मांग उठाई है.उन्होंने शासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने हल्द्वानी हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा की।
करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की पहली घटना हुई है, ऐसे में अचानक इतने बड़े पैमाने में हिंसा का फैलना और हिंसा के कारणों की वजह से उत्पन्न हुई स्थिति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सेवारत या फिर सेवानिवृत्ति न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की। माहरा का कहना है कि हिंसा की घटना में पहली नजर में प्रशासन की लापरवाही नजर आ रही है. उन्होंने नैनीताल जिले के पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों को हटाने की मांग की.करन महरा नेशासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है।
उन्होंने कहा कि यदि हल्द्वानी का माहौल ठीक करना है तो राज्यपाल से एनएसए नहीं लगाई जाने का आग्रह किया गया है.माहरा का कहना है कि इस तरह का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की जा रही है कि यह दो समुदायों के बीच का झगड़ा है. जबकि हकीकत है कि यह प्रशासन बनाम जनताका झगड़ा है।
प्रशासन की भारी चूक की वजह से हल्द्वानी में इस तरह के हालात बने, उन्होंने अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए शाम का वक्त चुना, ऐसे में शाम 4 बजे प्रशासन ने कार्रवाई करने की जल्दबाजी क्यों की।?