हल्द्वानी। किसी समय पढ़ाई के लिए अच्छा माने जाने वाला राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में अव्यवस्थाएं हावी हो चुकी हैं। नैनीताल जिले के कोटाबाग स्थित राजीव गांधी नवोदय आवासीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं के चलते रविवार को अभिभावक 106 बच्चों को घर ले गए। प्रदेश में यह पहला मामला होगा जब इतनी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है।नैनीताल जिले के कोटाबाग ब्लॉक के स्यात क्षेत्र में स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की स्थापना 2004 में हुई थी। वर्तमान में विद्यालय में 350 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। अभिभावक बच्चों के बेहतर भविष्य की खातिर इस स्कूल में बच्चों का दाखिला कराते हैं, मगर अभिभावकों के अनुसार, वर्तमान में यहां अस्व्यवस्थाएं हावी हो चुकी हैं। कई सालों से विद्यालय में एक स्थायी प्रधानाचार्य भी तैनात नहीं किया गया है।जिलाधिकारी नैनीताल की देखरेख में संचालित आवासीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं का अंबार होने का आरोप लगाते हुए अभिभावकों ने 106 बच्चों का स्कूल छुड़वा दिया है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय में बीते छह वर्षों से नियमित प्रधानाचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। इस कारण प्रधानाचार्य की जिम्मेदारियों का निर्वहन तीन अलग-अलग अधिकारी कर रहे हैं जिनमें से कोई भी ठोस निर्णय लेने में सक्षम नहीं है।

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स्वच्छक भी नहीं, बच्चे करते हैं सफाई

शिक्षक-अभिभावक संघ के अध्यक्ष नवीन चंद्र भट्ट ने बताया कि विद्यालय में शिक्षणेतर कर्मचारियों के पद भी छह वर्षों से रिग्क्त हैं। कई शिक्षक घर से अप-डाउन कर रहे हैं, जबकि आवासीय विद्यालयों के नियमानुसार सभी शिक्षकों को विद्यालय परिसर में ही रुकना चाहिए। विद्यालय में वार्डन और स्वच्छक भी नहीं हैं। स्वच्छक न होने के कारण पूरे विद्यालय परिसर में बच्चे खुद साफ-सफाई का काम करते हैं। इसके अतिरिक्त बीते कुछ दिनों से रात को महिला शिक्षकों के घर चले जाने के बाद वार्डन के अभाव में बच्चों को अकेले रात गुजारनी पड़ी। इससे बच्चों में असुरक्षा की भावना है।

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