हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में सड़क चैड़ीकरण के लिए प्रशासन की ओर से की जा रही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी की तिथि नियत की है।

मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हल्द्वानी नैनीताल रोड से अतिक्रमण हटाने संबंधी जनहित याचिका में व्यापारियों की ओर से हाईकोर्ट में स्वयं को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि वे दशकों से नगर निगम के किरायेदार हैं और कई लोग भवन स्वामी हैं। ऐसे में सड़क चैड़ीकरण से पूर्व उनका पक्ष सुना जाना चाहिए और यदि निजी संपत्ति को तोड़ा जाना है तो प्रशासन को उसका अधिग्रहण करना होगा। इन तर्कों के बाद कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए पक्षकारों से प्रशासन के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही कोर्ट में इस सम्बंध में शपथ पत्र देने को कहा है।

मामले के अनुसार हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नैनीताल सड़क से अतिक्रमण हटाने का अभियान 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुआ। लेकिन अतिक्रमण हटाने और सड़क चैड़ीकरण का काम ठीक से नहीं किया गया है। इस मामले में प्रशासन ने खानापूर्ति की है। इस कारण मंगल पड़ाव से बस अड्डा तक सड़क काफी संकरी बनी है। जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। इससे क्षेत्रीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन लापरवाहीपूर्ण और भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है, जिससे क्षेत्र में दोबारा अतिक्रमण हो रहा है। याचिका में कहा कि अतिक्रमण के नाम पर कुछ लोगों को महज नोटिस जारी करने की औपचारिकता की गई है। इस मामले में न्यायालय ने बीती 12 जनवरी को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये थे और कहा था सड़क पर पड़े मलबे को हटाया जाए और चिन्हित अतिक्रमणकारियों को सात दिन का नोटिस देकर उनका पक्ष सुनें और उसके बाद उचित आदेश पारित करें। इस संबंध में जिलाधिकारी की ओर से रिपोर्ट पेश की और कहा कि सड़कों से मलबा हटाया गया है। प्रभावितों को नोटिस देकर उनका पक्ष सुनकर शिकायतों का निस्तारण कर दिया है

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