( वर्ष 1925 में मुंशी हरिप्रसाद टम्टा के नेतृत्व में आयोजित सम्मेलन में शिल्पकार हितों के संरक्षण की आवाज को बुलंद करने हेतु दस हजार शिल्पकारों ने डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से बिट्रिश सरकार को एतिहासिक ज्ञापन दिया था)
आगामी 24 सितंबर 2025 को होने वाले द्योलीडांडा शिल्पकार शताब्दी समारोह को लेकर संरक्षक और संयोजक मिडिया से रूबरू हुए। द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन शताब्दी समारोह के संरक्षक दयाशंकर टम्टा जी द्वारा संबोधित करते हुए आगामी द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन के विषय में बताया गया। इसी क्रम में शताब्दी समारोह के संयोजक संजय कुमार टम्टा द्वारा बताया गया 24 सितंबर 1925 में अल्मोड़ा के द्योलीडांडा मैदान में मुंशी हरिप्रसाद टम्टा जी के नेतृत्व में शिल्पकार समाज के मानव अधिकारों को लेकर एक बृहद सम्मेलन आयोजित किया गया था इस सम्मेलन में कुमाऊं गढ़वाल से 10,000 से भी अधिक लोग उपस्थित हुए थे।
इस सम्मेलन के माध्यम से तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर चक्रधर जुयाल एम डिप्टी कमिश्नर एयरटेल के माध्यम से ब्रिटिश सरकार को शिल्पकारों के मानव अधिकारों को लेकर 21 बिंदुओं का एक प्रस्ताव दिया गया था। इस प्रस्ताव में शिल्पकार समाज के लिए प्रारंभिक शिक्षा को अनिवार्य किये जाने। पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से शिल्पकलाओं का कार्य करने वाली 51 जातियों को शिल्पकार नाम दिए जाने, म्युनिसिपालिटी और जिला बोर्ड में शिल्पकार समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने सी पुलिस और सरकारी सेवाओं में भर्ती किये जाने, भूमिहीन को भूमि प्रदान किए जाने आदि संबंधित प्रस्ताव दिए गए थे। इस प्रस्ताव के बाद ब्रिटिश सरकार द्वारा शिल्पकार क्षेत्रों में कृष्ण डे और कृष्णा नाइट के नाम से 151 प्राथमिक विद्यालय खोले गए थे।
30,000 से भी अधिक भूमि भूमिहीन शिल्पकारों को प्रदान की गई थी। पारंपरिक रूप से शिल्प कलाओं का कार्य करने वाली 51 जातियों को शिल्पकार नाम देते हुए 1931 की जनगणना में शामिल किया गया। इसके साथ ही शिल्पकार समाज पर हो रहे अन्याय अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हुए शिल्पकार समाज के लिए प्रगतिशील कार्य किए जाने की मांग की गई थी।24 सितंबर 1925 इतिहास में पहली बार शिल्पकार समाज संगठित हुआ था। मुंशी हरिप्रसाद टम्टा जी के नेतृत्व में हुए इस विशाल सम्मेलन में नैनीताल क्षेत्र से दौलत राम जी ,खुशी राम शिल्पकार जी ,बची राम जी व बागेश्वर से प्रेम राम टम्टा जी आदि नेताओं द्वारा शिल्पकार समाज का नेतृत्व किया गया था।
इस समारोह की स्मृति में आगामी 24 सितंबर 2025 को द्योलीडांडा शताब्दी समारोह समिति द्योलीडांडा में समृति कार्यक्रम करेगी और 28 सितम्बर 2025 को धूमधाम व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ वृहद रूप में रैमजे इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में मनाया जाएगा। सम्मेलन में प्रदेश भर से शिल्पकार समाज के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
100 वर्ष पूर्व दिए गए प्रस्तावों का मूल्यांकन एवं वर्तमान में शिल्पकार समाज की चुनौतियों पर विचार विमर्श करते हुए ! केंद्र और राज्य सरकारों को 21 बिंदुओं का प्रस्ताव दिया जाएगा। सम्मेलन में अतिथियों के रूप में संवैधानिक पदों में कार्यरत राजनेताओं व सामाजिक कार्यकर्ता, कर्मचारी संगठन को भी आमंत्रित किया गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में लल्लू लाल,, नंदकिशोर टम्टा, सुंदरलाल आर्य, दीपेश टम्टा ,प्रकाश चंद्र आर्या, ध्रुव टम्टा, सुभाष चंद्र, राजेंद्र प्रसाद, डॉ बी एल आर्या, महेंद्र कुमार आर्या, सूरज टम्टा, पीयूष कुमार, डॉ मोहित टम्टा, राहुल टम्टा, सुमीत टम्टा, अजित टम्टा आदि उपस्थित रहे।


