प्राकृतिक जल स्रोत से जजूला गांव के चौड़ा तोक को पेयजल योजना के निर्माण का कार्य शुरु होने की सूचना से तीन गांवों की महिलाओं का पारा चढ़ गया। प्राकृतिक जल स्रोत पर पहुंची सैकड़ों महिलाओं ने पेयजल योजना के पाइप उखाड़ डाले।
आक्रोशित महिलाओं ने नारेबाजी कर रोष जताया। साफ कहा की जल स्रोत से एक बूंद पानी भी दूसरे गांव में नहीं जाने दिया जाएगा। मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने महिलाओं को समझाने का काफि प्रयास किया पर महिलाओं ने एक न सुनी। हालात बिगड़ते देख दो थानों व चार चौकियों से पुलिस फोर्स बुलवाया गया। घंटों हंगामें के बाद आक्रोशित महिलाओं के वापस लौटने के बाद बामुश्किल मामला शांत हुआ।
बेतालघाट ब्लॉक के तल्लाकोट, मल्लाकोट व बादरकोट गांव के वर्षों पुराने प्राकृतिक जल स्रोत से जजूला गांव के चौड़ा तोक को पेयजल योजना निर्माण का मामला तूल पकड़ गया है। बीते दिनों तीनों गांवों के बाशिंदों के श्री कैंची धाम तहसील मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को धूरापातल प्राकृतिक जल स्रोत में योजना का कार्य शुरु किए जाने की सूचना पर मल्लाकोट, तल्लाकोट तथा बादरकोट गांव की सैकड़ों महिलाएं प्राकृतिक जल स्रोत पर पहुंच गई।
आक्रोशित महिलाओं ने पेयजल योजना के पाइप उखाड़ पानी न देने व जोर जबरदस्ती किए जाने पर नारेबाजी की। सूचना पर पहुंची पुलिस व प्रशासन की टीम के साथ भी महिलाओं की तीखी बहस हो गई। महिलाओं ने आरोप लगाया की जजूला को पहले ही स्रोत से पेयजल की आपूर्ति होती है।
करोड़ों रुपये से बनी बारगल – कफूल्टा पंपिग पेयजल योजना से भी गांव को पानी उपलब्ध है बावजूद एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए योजना का निर्माण किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन लोगों के हितों से खिलवाड़ पर आमादा है।
दो टूक चेतावनी दी की यदि दबाव बनाया गया तो फिर गांव के बाशिंदे तहसील मुख्यालय में ही धरने में बैठ जाएंगे। आरटीआई कार्यकर्ता कृपाल सिंह मेहरा ने कहा की तीनों गांवो की खुली बैठक में पानी न देने का प्रस्ताव पास हो चुका है। लगातार अधिकारियों को पत्र भी दिए जा चुके हैं बावजूद जबरदस्ती की जा रही है। साफ कहा की उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बिल्डर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। हालात बिगड़ते देख भवाली व बेतालघाट थाने तथा खैरना, क्वारब, रामगढ़, कैंची चौकी से भी अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। एसडीएम की अगुवाई में राजस्व पुलिस की टीम भी डटी रही। करीब चार घंटे तक भारी हंगामें व आरोप प्रत्यारोप के बीच बहस होती रही।
महिलाओं के पानी न देने की चेतावनी के बाद वापस लौटने से बामुश्किल मामला शांत हुआ। महिलाओं के वापस जाने के बाद पुलिस व प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। श्री कैंची धाम तहसील के उपजिलाधिकारी विपिन चंद्र पंत के अनुसार मल्लाकोट गांव निवासी कृपाल सिंह मेहरा गांव के लोगों को भड़का रहा है साक्ष्य भी उपलब्ध है।
कृपाल सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में दो मुकदमे पंजीकृत किए जा चुके हैं। तीसरा मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं। स्रोत में भी समुचित पानी उपलब्ध है। योजना को नुकसान पहुंचाने वालों को भी चिह्नित किया जा रहा है। दोबारा योजना का कार्य शुरु करने के निर्देश जल निगम को दिए गए हैं।
इस दौरान थानाध्यक्ष बेतालघाट अनीस अहमद, चौंकी प्रभारी रामगढ़ दिलीप कुमार, प्रभारी खैरना धर्मेंद्र कुमार, प्रभारी क्वारब गोविंदी टम्टा, प्रभारी कैंची कृष्णा गिरी, कानूनगो नरेश असवाल, पूजा मेहरा, भावना बिष्ट, महेंद्र कुमार, जगदीश धामी, प्रयाग जोशी, एम हसन, ललित मोहन जैडा़, दीपा जलाल, विमला नेगी, मुन्नी जलाल, गंगा जलाल, चंपा जलाल, राधा जलाल, गंगा देवी, उमा पांडे, किरन पांडे, देवकी देवी, हेमा पांडे, नीमा जलाल, राधा नेगी, विमला देवी, भगवती देवी, शोभा जोशी, खष्टी मेहरा समेत सैकड़ों महिलाएं मौजूद रहीं।