केदारनाथ धाम का गर्भगृह एक बार फिर से चर्चाओं में है। इस बार बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की गर्भगृह में खींची फोटो पर हंगामा मचा है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले में सरकार को जमकर घेरा । सोशल मीडिया पर भी लोग बदरी केदार मंदिर समिति के दोहरे रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल शनिवार को देहरादून में दिव्य दरबार आयोजन के बाद आचार्य धीरेंद्र शास्त्री केदारनाथ धाम के दर्शन को गए। यहां केदारनाथ गर्भगृह में ली गई उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि गर्भगृह के शिवलिंग के सामने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री बैठे हैं उनके साथ स्वामी चिदानंद और अन्य लोग भी हैं। अब इन फोटो पर बवाल मचा है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल पूछ रहे है कि गर्भगृह के भीतर फोटो खिंचाने को लेकर बीकेटीसी का दोहरा रवैया क्यों है। बता दें कि बीकेटीसी ने केदारनाथ धाम में गर्भगृह के भीतर फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाया है। केदारनाथ मंदिर के मुख्य गेट पर साफ लिखा है कि गर्भगृह में या गर्भगृह की फोटो खींचना निषेध है। लेकिन समय समय पर वीआईपी लोगों की गर्भगृह की फोटो आती रहती हैं।
इस मसले पर कांग्रेस ने भी सरकार को कोसा है। कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ जहां सरकार ने आम आदमी के लिए सख्त नियम कायदे बना रखे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के जुड़े नेता और उनके चहेते केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में फोटो खिंचवा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि पहले जहां केदारनाथ के गर्भगृह से 200 किलो सोना गायब हो जाता है। उसके बाद बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय केदारनाथ गर्भगृह की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो सभी नियम कायदों से ऊपर हैं, क्योंकि केदारनाथ गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तो हमेशा ही वीडियो शूट होता है। वहीं अब बीजेपी उत्तराखंड में पंडित धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोगों को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है और उन्हें भी केदारनाथ गर्भगृह में वीडियो और फोटो खींचने की इजाजत दी जा रही है।गरिमा दसौनी का कहना है कि बीकेटीसी (बदरी-केदार मंदिर समिति) वहां आंखें बंद करके बैठी है। इसका जवाब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी देना चाहिए औऱ यह बताता है कि किस तरह से भाजपा धर्म और भगवान को भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में इस्तेमाल कर रही है।उधर वायरल फोटो के मामले पर बीजेपी प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि बीकेटीसी (बदरी-केदार मंदिर समिति) के जो मानक होंगे, उसी के अनुरूप पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वहां दर्शन किए होंगे। अगर नियम का कोई उल्लंघन हुआ है तो उसका मंदिर समिति खुद संज्ञान लेती है। बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस शायद भूल गई है कि जब 2013 में केदारनाथ आपदा आई थी तो तब बदरी-केदार मंदिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष, जो कांग्रेस नेता हैं, गर्भगृह में जूते पहनकर गए थे और उन जूतों को पूरे भारत के लोगों ने देखा था. तब क्या कांग्रेस की धार्मिक भावना आहत नहीं हुई थी।