( जनपद के गौवंश का रिकॉर्ड सही रखा जाय, भरण-पोषण राशि अस्सी रुपए प्रति गौवंश प्रति दिन हुयी)

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जिलाधिकारीविनीत तोमर की अध्यक्षता में जिला कलैक्ट्रेट सभागार में गौसदन के शरणागत गौवंश के भरण-पोषण हेतु राजकीय अनुदान निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा गोसदनों में विद्यमान निराश्रित पशुओं की संख्या को सम्मिलित करते हुए शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में विचरण कर रहे गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण हेतु निर्धारित रू0 30 प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से दी जा रही धनराशि को बढ़ाकर रू0 80 प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से अनुदान दिया जा रहा है।

गौसदनों के संचालन के लिए एन0जी0ओ0 मॉडल अपनाया जायेगा। यदि किसी एन0जी0ओ0 के पास पूर्व से भूमि उपलब्ध हो उस पर निर्माण हेतु धनराशि की कमी होने पर सरकार द्वारा व्यय वहन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चिन्ह्ति भूमि का स्वामित्व राज्य सरकार का होगा, मात्र प्रबन्धकीय कार्योें हेतु एन0जी0ओ0 से अनुबन्ध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गोवंश के भरण-पोषण हेतु अनुदान के लिए पशुपालन विभाग नोडल विभाग होगा तथा अनुदान डी0बी0टी0 के माध्यम से दिया जायेगा। बैठक में उपजिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि जनपद के प्रत्येक ग्राम में एक रजिस्टर गौवंशीय पशुओं के विवरण हेतु ग्राम प्रधान द्वारा बनाया जाय जिसमें पशुओं का विवरण पशुपालक का नाम भी अंकित हो।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पशुओं का डाटा सही तरीके से तैयार किया जाए तथा सरकार के सभी निर्देशों का पालन किया जाए। बैठक में पशु चिकित्साधिकारी डा0 योगेश अग्रवाल ने बताया कि बताया कि वर्तमान में जनपद में संचालित गौसदनों में कुल 463 शरणागत पशु हैं जिनमें भौमिक पशु सेवा सुरक्षा समिति, खोल्टा में 26, श्री गुरूकृपा गौ सुरक्षा समिति कसाणीखेत जैखाल स्याल्दे में 89, ग्राम्य समाज कल्याण समिति तोल्यों सल्ट में 206, श्री नीम करौली महाराज मॉ गायत्री ट्रस्ट मासी चौखुटिया में 48, गो सेवा न्यास गुरूकुल ग्राम ज्योली, तोक शोले में 65 एवं गौ ग्राम उत्थान ट्रस्ट कोटली, थापला में 29 गौवंशीय पशु है। बैठक में उपजिलाधिकारी जयवर्द्वन शर्मा, जिला पंचायतराज अधिकारी राजेन्द्र सिंह, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका भरत त्रिपाठी सहित अन्य उपस्थित रहे।

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