( महिलाओं की समस्यायों और उपेक्षा पर केंद्रित रहा अधिवेशन,लव जेहाद, लव लैंड के जुमले फैंक नफरत की आग फैलायी जा रही है, सुनीता पांडेय)
शिक्षा,स्वास्थ्य,महंगाई,बेरोजगारी, महिला हिंसा एवं आम जनता विशेषकर महिलाओं पर हो रहे चौतरफा हमलों, नफ़रत की राजनीति के खिलाफ संघर्ष तेज करने के आह्वान के साथ अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति अल्मोड़ा का आठवां जिला सम्मेलन अल्मोड़ा में दिनांक 11अक्टूबर 2025 को संपन्न हुआ। एक दिवसीय सम्मेलन में बतौर पर्यवेक्षक समिति की राज्य अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता पाण्डे ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिवेश आम आदमी को उसके नागरिक अधिकारों से उसे कोसों दूर कर रहा है, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निर्णय लेने के फ़ैसलों पर बेड़ियां कस रही है इससे इन्सानी गरिमा और मूलभूत ज़रूरतों की कोई अहमियत नहीं दिख रही।
केंद्र और राज्य की सरकार लव जिहाद और लव लैंड के जुमले फेंक कर नफ़रत फैलाकर आपसी भाई चारे पर दूरी बना रही है, ऐसे में आम जनता और परिवार की धुरी कहे जाने वाली महिला की ज़िंदगी बिखर गई है।प्रगतिशील ताकतों और महिला आंदोलनों को कुचलने के हर संभव प्रयास व्यवस्था के स्तर पर जोर शोर से चल रहे हैं, इस परिप्रेक्ष्य में महिलाओं को संगठित होकर अपनी आवाज़ बुलंद करने की महती जरूरत है। सम्मेलन में उपस्थित बतौर वक्ता बीजीवीएस की जिला अध्यक्ष तथा पूर्व संकायाध्यक्ष शिक्षा शास्त्र, कुमाऊं विश्वविद्यालय डॉ विजया ढौंडियाल ने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के 25साल बाद भी मुजफ्फर नगर कांड के दोषियों को सजा नहीं मिल पाई है, जबकि राज्य बनने में महिलाओं का संघर्ष एवं बलिदान अहम रहा है, लेकिन पहाड़ में महिलाएं चौतरफा बोझ से दबी हुई है।
साथ में उन्होंने बढ़ती धर्मांधता का महिलाओं पर नकारात्मक असर को रोकने की जरूरत पर बल दिया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए पूर्व संकायाध्यक्ष कला एवं मनोविज्ञान कुमाऊं विश्वविद्यालय डॉ आराधना शुक्ला ने कहा की आज के दिन की सबसे बड़ी ज़रूरत है कि हम महिलाएं संवैधानिक अवसरों का इस्तेमाल करते हुए अपने आत्मसम्मान के लिए एकजुट होकर अधिकारों को हासिल करें।
सम्मेलन का शुभारंभ डॉ आराधना शुक्ला द्वारा संगठन के ध्वजारोहण कर किया गया, सभी प्रतिभागियों ने शहीदों को याद कर पुष्प अर्पित किए एवं शोक व्यक्त किया। सम्मेलन में जिले की विगत तीन वर्षों की सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिस पर 25 प्रतिभागियों द्वारा चर्चा की गई एवं सर्वसम्मति से पारित की गई । सम्मेलन में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा, पोश एक्ट के सुचारू क्रियान्वयन किए जाने, एम एफ आई के तहत ऋण के बोझ से मुक्त किए जाने, मानदेय आधारित आशा आंगनबाड़ी, भोजन माता कार्यकत्री के नियमितीकरण की मांग, विधान सभा और संसद में महिला आरक्षण बिल पास किए जाने साम्प्रदायिकता के खिलाफ प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किए गए।
जिला समिति की 17 सदस्यीय नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें जिला अध्यक्ष डॉ आराधना शुक्ला, सचिव ऋतु रावत, कोषाध्यक्ष राधा नेगी मनोनीत किए गए।14न वम्बर 2025 को देहरादून में राज्य सम्मेलन के लिए 10 प्रतिनिधियों का चयन किया गया। समिति ने आगमी तीन वर्षों की कार्ययोजना प्रस्तुत कर सदस्यता अभियान तेज करने का संकल्प लिया।
सम्मेलन में आशा भारती,जया पाण्डे, कांता नेगी, पार्वती रावत, नीमा, जयंती, सरस्वती, भगवती, सरोज, जेंडर एंड डेवलपमेंट परामर्शी अलका,सारथी फाउंडेशन की इंदु राज, आशा बहिनें आनंदी, नीमा, भगवती, उमा आगरी, देवकी बिष्ट कुंती देवी, भोजन माता हेमा अधिकारी, पप्रेमा जड़ौत, सीमा पासवान, किरण, ममता, आंचल, पी एल वी साथी भगवती गुसाई, दीपा भंडारी, समेत बी जी वी एस के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रमोद तिवाड़ी, डी वाय एफ आई के अशोक पंत, बाल प्रहरी संपादक उदय किरौला ने शुभकामनाएं दी।



