( डाक्टर रमेश पाल को आध्यात्मिक क्षेत्र के लेखन में उत्कृष्ट कार्य हेतु वन व तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण के मुख्य आतिथ्य में दिया गया, आप भी दिजिए बधाई)
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं लेखक, डॉ रमेश सिंह पाल को देहरादून में दिंनाक 5 जुलाई 2025 को आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, उत्तराखंड वन एवं तकनिकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के द्वारा देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरुस्कार, 2025 से सम्मानित किया गया।
समारोह के समापन मुख्य अतिथि पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण रहे। यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम शिक्षा, समाज सेवा, लोक प्रशासन और आध्यात्मिकता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए द इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्म्स एंड हायर एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट, गाजियाबाद एवं उत्तराखंड सरकार द्वारा सम्मलित रूप से आयोजित किया गया।
डॉ रमेश सिंह पाल को देवभूमि राष्ट्रीय रत्न पुरुस्कार, उनके उत्कृष्ट आध्यात्मिक लेखन के लिए दिया गया है। बता दे कि अल्मोड़ा निवासी डॉ. रमेश सिंह पाल, कृषि अनुसंधान के साथ- साथ आध्यात्मिक साहित्य जगत में अपना उल्लेखनीय योगदान दे रहे है।
डॉ पाल की अभी तक विभिन्न आध्यात्मिक विषयो पर पांच पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है और उसकी सभी पुस्तको को देश की संसद लाइब्रेरी के साथ-साथ, विश्वविद्यालयों औऱ भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थानों के पुस्तकालयों में सम्मिलित किया गया है।
डॉ पाल को इससे पहले भी उनके आध्यात्मिक लेखन के लिये कई राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चूका है। बता दे कि डॉ. पाल यूनेस्को समावेशी नीति प्रयोगशाला के लिए भारत के विशेषज्ञ भी हैं। डॉ पाल ने इस सम्मान के लिए सभी पाठको एवं आयोजकों का आभार एवं धन्यवाद किया है। डॉ पाल की इस उपलब्धि पर आध्यात्मिक साहित्य से जुड़े लोगो ने खुशी व्यक्त की है।


