जागेश्वर धाम के कारिडोर प्रोजेक्ट के चलते आरतोला जागेश्वर की सड़क के चौड़ीकरण के चलते क्षेत्र के एक हजार से अधिक देवदार पेड़ व पर्यावरण संरक्षण पर चिंतन व बैठक आयोजित की जा रही है। यद्यपि जन आक्रोश चलते प्रदेश मुख्यमंत्री धामी ने फिलहाल इस प्रकिया को स्थगित कर दिया है, फिर भी आक्रोश के स्वर अभी भी गूंज रहे हैं, इसके चलते स्वच्छ अल्मोड़ा ग्रुप की एक ऑनलाइन बैठक में जागेश्वर धाम में प्रस्तावित 1000 देवदार के पेड़ों के कटान के विषय में गंभीर चर्चा हुई ।
बैठक की जानकारी देते हुए वैभव जोशी ने बताया कि प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से जुड़े वक्ताओं ने इस बैठक में अपनी बात रखी । पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी ने पेड़ों के कटान के संदर्भ में कड़ा विरोध दर्ज किया और आंदोलन करने की चेतावनी दी।उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा की महिलाओं में भी इस पेड़ कटान के निर्णय का गहरा रोष है ।
शोभा जोशी ने चिपको आंदोलन का उदाहर दे कर उसी की तर्ज पर आंदोलन करने की बात कही है । उन्होंने कहा कि मातृशक्ति को गौरा देवी बन कर पर्यावरण को सुरक्षित रखना पड़ेगा ।उस ज़माने में जब अनपढ़ महिलाएं पेड़ों को बचा सकती हैं तो आज की पढ़ी लिखी नारी भी पुनः आंदोलन कर पर्यावरण की रक्षा कर सकती है ।धीरेन्द्र पाठक ने देश के कई उदाहरण दे कर समझाया कि सड़क निर्माण करना अनिवार्य नहीं है जितना प्रकृति को सुरक्षित रखना अनिवार्य है।दिगम्बर फूलोरिया ने कई आंदोलनों के उदाहरण दे कर अपनी बात पटल पर रखी और पर्यावरण बचाने की मुहिम को सराहा ।
मनोज गुप्ता ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ठीक नहीं है, जागेश्वर हमारी पहचान है और देवदार के वन जागेश्वर की पहचान है ।अतः इसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए । रतूड़ी ने पर्यावरण संरक्षण की बात कह कर गौरा देवी आंदोलन के इतिहास के विषय में जानकारी दी वैभव जोशीने पर्यावण के संरक्षण की बात कह कर सड़क निर्माण के विषय में कुछ सुझाव दिए,उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण देवदार वशोभा जोशी ने चिपको आंदोलन का उदाहर दे कर उसी की तर्ज पर आंदोलन करने की बात कही है । उन्होंने कहा कि मातृशक्ति को गौरा देवी बन कर पर्यावरण को सुरक्षित रखना पड़ेगा ।उस ज़माने में जब अनपढ़ महिलाएं पेड़ों को बचा सकती हैं तो आज की पढ़ी लिखी नारी भी पुनः आंदोलन कर पर्यावरण की रक्षा कर सकती है ।
धीरेन्द्र पाठक ने देश के कई उदाहरण दे कर समझाया कि सड़क निर्माण करना अनिवार्य नहीं है जितना प्रकृति को सुरक्षित रखना अनिवार्य है।दिगम्बर फूलोरिया ने कई आंदोलनों के उदाहरण दे कर अपनी बात पटल पर रखी और पर्यावरण बचाने की मुहिम को सराहा ।मनोज गुप्ता ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ ठीक नहीं है, जागेश्वर हमारी पहचान है और देवदार के वन जागेश्वर की पहचान है ।
अतः इसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए । रतूड़ी ने पर्यावरण संरक्षण की बात कह कर गौरा देवी आंदोलन के इतिहास के विषय में जानकारी दी वैभव जोशीने पर्यावण के संरक्षण की बात कह कर सड़क निर्माण के विषय में कुछ सुझाव दिए,उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण देवदार वन के बाहर होना चाहिए,भीतर नहीं ।पर्यावरण को बचाना हम सब की ज़िम्मेदारी है, एक पेड़ के कटने से उसमें रह रहे पक्षी या अन्य जीव जन्तुओं की प्रजाति का नाश होता है।देवदार के वन का अपना एक माइक्रो क्लाइमेट है जिसे छेड़ना पर्यावरण के लिए सही नहीं होगा ।बैठक में कई वक्ताओं ने अपनी बातें रखीं और भविष्य में देवदार के वन को बचाने हेतु आंदोलन की चेतावनी दी ।