जाने-माने इतिहासकार व पद्मश्री से सम्मानित पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट में 1950 में जन्मे प्रोफेसर शेखर पाठक, जो कुमाऊं विश्वविद्यालय में इतिहास के प्राध्यापक रहे हैं। उन्हें हिन्दी में उत्कृष्ट रचनाशीलता के लिए 16वां अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति-सम्मान दिया जाएगा।
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उन्होंने ‘कुली बेगार प्रथा’, ‘बद्रीदत्त पाण्डेय और उनका युग’, ‘पंडित नैनसिंह की जीवन यात्रा’, रात्रा’, ‘कुमाऊं हिमालय : प्रलोभन’, ‘हरी भरी उम्मीद: चिपको आंदोलन’, ‘नीले बर्फीले स्वप्रलोग’ आदि चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। प्रो. पाठक को यह सम्मान नवंबर माह में होने वाले सम्मान समारोह में प्रदान किया जाएगा। जो शेखर पाठक को उनकी हाल में आयी पुस्तक ‘हिमांक और क्वथनांक के बीच’ को दिया जाएगा। इस संबंध में अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति चयन समिति के अध्यक्ष वीर भारत तलवार ने इसकी घोषणा की है।
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