चिड़ियाघर में बंद नौ गुलदारों को रोज गोश्त की दावत कराने में वन विभाग कर्जदार हो गया है। पहले इनके इलाज में पसीने छूटे अब भोजन का इंतजाम करने के लिए भटकना पड़ रहा है। अलग-अलग जगह से रेस्क्यू कर लाए गए ये नौ गुलदार रोज 27 किलोग्राम से ज्यादा गोश्त उड़ा रहे हैं।

Advertisement

बीते छह महीने से चिड़ियाघर में बिन बुलाए इन मेहमानों की दावत उधारी से हो रही है। अल्मोड़ा चिड़ियाघर में इस समय कुल 99 वन्यजीव रह रहे हैं। इनमें रेस्क्यू कर लाए गए नौ गुलदार भी शामिल हैं। इनके भोजन की जिम्मेदारी वन विभाग के पास है।

वन विभाग के अफसरों के मुताबिक चिड़ियाघर में रह रहे वन्यजीवों के भोजन के इंतजाम में हर महीने करीब दो लाख रुपये तक खर्च होते हैं। छोटे और शाकाहारी वन्यजीवों के लिए भोजन का इंतजाम करना कठिन नहीं होता, लेकिन मांसाहारी गुलदारों के लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो गया है।

छह महीने से इन वन्यजीवों के भोजन का बजट भी जारी नहीं हुआ। इससे दुकान बदल-बदलकर उधारी करनी पड़ रही है। अब दुकानदार भी कर्ज के लिए तकादा करने लगे हैं।

Advertisement
Ad Ad Ad
Advertisement
Advertisement
Advertisement