शोक संवेदना का सिलसिला जारी, उत्तराखंड राज्य की कल्पना के अग्रणी नेता रहे दिवाकर भट्ट )
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन पर उत्तराखंड में शोक की लहर है स्व भट्ट ने बीएचईएल- हरिद्वार के अपने घर में मंगलवार को अंतिम सांस ली। दिवाकर भट्ट का निधन उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति है,उत्तराखंड के हितों के लिए हमेशा मुखर रहने वाले भट्ट के निधन से हमने पहाड़ के सरोकारों के लिए समर्पित एक नेता को खो दिया है।

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उक्रांद के 1979 में हुए गठन के समय से ही स्व भट्ट पार्टी से जुड़े रहे। राज्य आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही। टिहरी के खैट पर्वत और श्रीनगर के श्रीयंत्र टापू में आमरण अनशन भी कर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
भट्ट ने अपनी राजनैतिक यात्रा कीर्तिनगर के ब्लाक प्रमुख रहते शुरू की। प्रदेश में 2007 में प्रदेश में दूसरी विस चुनाव में देवप्रयाग सीट से विधायक बने। बीसी खंडूरी सरकार में उन्होंने राजस्व मंत्री का पद संभाला।

उपपा अध्यक्ष ने कहा है कि स्व भट्ट पहाड़ के दर्द को समझते थे और इसके लिए हमेशा समर्पित रहे। उनके योगदान को देखते हुए जनता ने उनको फील्ड मार्शल का नाम दिया था। वर्तमान दौर में उत्तराखंड को ऐसे संघर्षशील व्यक्ति की शक्त जरूरत थी। उनका चला जाना संघर्षशील ताकतों के लिए भी क्षति है।
दिवाकर भट्ट के निधन पर हिम शिखर परिवार शोक संवेदना व्यक्त करता है, उपपा केन्द्रीय अध्यक्ष एडवोकेट पी सी तिवारी ने भी भट्ट के निधन पर शोक व्यक्त कर दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

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