( इस समझौते से पहाड़ों के किसानों का होगा विकास)
फ्यूजन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड, महाराष्ट्र से मक्का की वी.एल. वीटा किस्म के बीज उत्पादन के लिए भाकृअनुप – विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा लिखित समझौता किया गया है। वी.एल. वीटा उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र (जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा) के लिए अधिसूचित है।
यह एक शीघ्र पकने वाली (95-100 दिन) संकर किस्म है जिसमें प्रोविटामिन ए की मात्रा 7.48 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम होती है जो की साधारण मक्का से लगभग तीन गुना अधिक है । वी.एल वीटा को वी.बी.एल. 101 और वी.बी.एल. 102 के संयोजन से विकसित किया गया है, उच्च उपज देने वाला और प्रोविटामिन ए के लिए जैव-सुदृढ़ीकरण होने के कारण, यह संकर मक्का उपभोक्ताओं में पोषण सुरक्षा में सुधार लाने में मदद करेगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 97वें स्थापना दिवस के दौरान वी.एल. वीटा के बीज उत्पादन तथा विक्रय के लिए उक्त कम्पनी साथ 16-07-2025 को भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली में समझौता हुआ।
इस समझौते दौरान केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, सचिव डेयर एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद डॉ. एम.एल. जाट, एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड के सीईओ डॉ. प्रवीण मलिक, भाकृअनुप-वि.प.कृ.अनु. संस्थान, के निदेशक डॉ. लक्ष्मी कान्त तथा फ्यूजन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री संतोष परसराम भोजने शामिल हुए ।
माननीय मंत्री जी की उपस्थिति में उक्त समझौता पत्र का आदान-प्रदान हुआ। श्री भोजने के अनुसार निःसंदेह संस्थान की यह उपलब्धि किसान की आय वृद्धि में एक मील का पत्थर साबित होगी जिस पर हम सभी गर्व कर सकेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री, कृषि सचिव, सचिव डेयर एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद तथा संस्थान के निदेशक ने श्री भोजने को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।


