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( व्यंग साहित्य क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति)
हिंदी जगत के लिए बहुत दुखद समाचार साहित्य के गौरव व्यंगकार श्री गोपाल चतुर्वेदी जी का आज.प्रातःकाल निधन हो गया है। उनकी पत्नी श्रीमती निशा चतुर्वेदी का निधन 5 6 दिन पूर्व हुआ था तब से ही उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति ठीक नहीं रह रही थी।
और इस दुख को वह सहन नहीं कर सके और इस संसार से विदा हो गए जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं उनको पता है कि वे दोनों एक दूसरे पर किस सीमा तक अन्योन्याश्रित थे। वे जीवन भर परस्पर प्रेम के बंधन में बंधें हुए साथ-साथ रहे और साथ-साथ इस संसार से विदा हुए।दोनों ही लोग सच कहें तो लखनऊ के सामाजिक जीवन की शान थे। और लखनऊ की संस्कृति सभ्यता और लखनऊ की शराफत, सदाकत ,मेजबानी के प्रतीक भी थे ,संरक्षक भी थे और संवाहक भी थे ।
उनसे मिलने के बाद यह नामुमकिन था की कोई आदमी उनसे मिल कर प्रसन्न न लौटा हो ।प्रिय गोपाल जी और निशा जी दोनों ही अखिल भारतीय सेवाओं में बड़े-बड़े पदों पर सम्मान सहित कार्यरत रह चुके थे।
और उनके पास साहित्य राजनीति के कभी न चुकने वाले अनेक संस्मरण ऐसे थे जो ज्ञानवर्धक और मनमोहक हुआ करते थे ।अजातशत्रु गोपाल जी के चेहरे पर एक मुस्कान हमेशा खेलती रहती थी जो सबका हृदय जीतने में सफल होती थी। लखनऊ के सामाजिक जीवन में यह अपूर्णनीय क्षति हुई है।परमपिता परमेश्वर दोनों की आत्माओं को शांत प्रदान करें और उनके परिवार के सदस्यों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें ।
गोपाल चतुर्वेदी के निधन पर जाने माने व्यंग्यकार अलंकार रस्तोगी, वीणा चतुर्वेदी, संजय कुमार अग्रवाल सहित अनेक साहित्यकारों ने सोशियल मिडिया में श्रृद्धांजलि दी। हिम शिखर परिवार भी अपने श्रृद्धासुमन अर्पित करता है।


