ऋषिकेश, 6 जून 2025 — श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. एल. एम. एस. परिसर, ऋषिकेश स्थित गणित विभाग द्वारा दिनांक 6 जून 2025 को एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय था “Real to Complex Numbers: Empowering AI through Mathematical Transformation”, जिसे गणित विषय की विशेषज्ञ डॉ. शिवांगी उपाध्याय ने प्रस्तुत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अनीता तोमर ने की। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में कहा कि, “आज के तकनीकी युग में गणित की भूमिका और भी व्यापक होती जा रही है।
इस प्रकार के व्याख्यान विद्यार्थियों को गणित की नवीनतम दिशा एवं संभावनाओं से जोड़ते हैं।” उन्होंने व्याख्यान के शुभारंभ अवसर पर सभी अतिथियों, वक्ता एवं उपस्थित विद्यार्थियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि “आज का युग केवल सूचना और प्रौद्योगिकी का नहीं, अपितु गणितीय विश्लेषण की गहराई का युग है। गणित अब केवल सिद्धांतों और सूत्रों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आधुनिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, और सबसे विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के मूल में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
” डॉ. तोमर ने इस बात पर बल दिया कि गणितीय सोच ही वह बुनियादी कौशल है, जिससे जटिल से जटिल समस्याओं को तार्किक और संरचित ढंग से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अतिथि व्याख्यान विद्यार्थियों के ज्ञान-दृष्टिकोण को व्यापक बनाते हैं, जिससे वे पारंपरिक पाठ्यक्रम से आगे निकलकर अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उपयोगिता की ओर बढ़ते हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गणित विभाग वैश्विक स्तर के विचारों और समसामयिक विषयों को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय का गणित विभाग न केवल शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि वह समय-समय पर इस प्रकार के अकादमिक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की विचारधाराओं से भी जोड़ रहा है।
।lउनका स्वागत भाषण आत्मीयता, दृष्टिकोण और प्रेरणा से परिपूर्ण था, जिसने व्याख्यान के लिए एक गंभीर, विद्वत्तापूर्ण और अनुसंधान-मूलक वातावरण तैयार किया।डॉ. शिवांगी उपाध्याय ने अपने व्याख्यान की शुरुआत गणितीय संख्याओं की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से की।
उन्होंने बताया कि कैसे वास्तविक (Real) संख्याएँ गणित की नींव मानी जाती हैं, परन्तु जब इन्हें सम्मिश्र (Complex) संख्याओं में विस्तारित किया जाता है, तो गणना की शक्ति और विश्लेषण की सूक्ष्मता कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने यह विस्तार से समझाया कि कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक क्षेत्रों में कॉम्प्लेक्स नंबर्स केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि अत्यंत व्यावहारिक हैं — विशेषतः सिग्नल प्रोसेसिंग, इमेज रिकग्निशन, डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क्स में।
डॉ. उपाध्याय ने विशेष रूप से यह भी रेखांकित किया कि जब वास्तविक डेटा को सम्मिश्र समतलों (Complex Planes) में मैप किया जाता है, तो उसकी संरचना का विश्लेषण अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने फोरियर ट्रांसफॉर्म, हर्मिटियन मैट्रिक्स, और वेक्टर स्पेस जैसी अवधारणाओं के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि गणितीय रूपांतरण किस प्रकार मशीनों को अधिक “सीखने योग्य” (learnable) बनाते हैं।
उनके स्लाइड्स में ए.आई. मॉडल्स की सीमाओं को कॉम्प्लेक्स एल्गोरिद्म द्वारा पार करने की प्रक्रिया को भी रोचक ढंग से दर्शाया गया। उनका व्याख्यान गणित और तकनीक के मध्य एक सेतु की भांति था, जो गणित की पारंपरिक अवधारणाओं को आधुनिक तकनीकी ज़रूरतों से जोड़ रहा था। डॉ. शिवांगी उपाध्याय ने बताया कि कैसे रियल संख्याओं को कॉम्प्लेक्स संख्याओं में रूपांतरित कर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं। उन्होंने आधुनिक तकनीकों में गणितीय रूपांतरणों की महत्ता को सरल उदाहरणों, समीकरणों व ग्राफिकल प्रदर्शनों के माध्यम से स्पष्ट किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. गौरव वार्श्नेय ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “डॉ. उपाध्याय का व्याख्यान गणित की व्यावहारिक उपयोगिता का जीवंत उदाहरण है।
यह विषय वर्तमान समय की माँग है और विद्यार्थियों के शोध एवं परियोजनाओं के लिए नई प्रेरणा प्रदान करता है।” गणित विभाग की यह पहल न केवल अकादमिक समृद्धि की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि यह विश्वविद्यालय की नवाचार व शोध के प्रति प्रतिबद्धता को भी प्रकट करती है।कार्यक्रम के अंत में डॉ. पवन जोशी ने सभी प्रतिभागियों, और वक्ता का आभार प्रकट करते हुए कहा, “यह आयोजन गणित विभाग की प्रतिबद्धता, टीम भावना एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता का परिचायक है।
हम भविष्य में भी इस प्रकार के बौद्धिक आयोजनों व्याख्यानों को जारी रखेंगे ताकि विद्यार्थी अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के नवीनतम क्षेत्रों से जुड़े रहें।”इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधार्थी, स्नातकोत्तर एवं स्नातक छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे
। प्रतिभागियों ने व्याख्यान को अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और शोधपरक बताया। संवाद सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक अनेक प्रश्न पूछे, जिनका समाधान डॉ. उपाध्याय ने सरल एवं प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया।


