अल्मोड़ा। परिजनों की किसी बात पर तीन बच्चे जरा से नाराज क्या हुए कि घर छोडक़र ही चल दिये। जाते-जाते कागज के टुकड़े पर लिख गये, मम्मी-पापा हमेें मत ढूंढना, हम जा रहे हैं नौकरी की तलाश में। जब परिजनों ने यह पढ़ा और घर में बच्चे नहीं मिले तो वे परेशान हो उठे। काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चे नहीं मिले तो पुलिस की शरण ली। खैर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही कर बच्चों को जंगल से सकुशल खोज निकाला।

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सोमवार को एक ही गांव के तीन नाबालिग बालकों ने नोट लिखकर घर में छोड़ा कि मम्मी-पापा हमें मत ढूंढना, हम नौकरी की तलाश में जा रहे हैं। इसके बाद तीनों चुपचाप चल दिए। इसके बाद परिजनों के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने उनकी तलाश की, मगर मिले नहीं। अंतत: पुलिस को इत्तला की।

पुलिस टीम ने यत्र-तत्र तलाशा तो ढूंढखोज के काफी प्रयासों के बाद यह तीनों नाबालिग जंगल में मिले। सोमवार प्रात: डायल नंबर 112 के जरिये थाना धौलछीना पुलिस को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के क्रमश: 12 वर्ष 14 वर्ष, 15 वर्ष के तीन नाबालिग बालक घर से नाराज होकर कहीं चले गए हैं और काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिल पा रहे हैं। सूचना पर थानाध्यक्ष धौलछीना विजय सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गुमशुदा बालकों की तलाश शुरु की। पुलिस टीम ने उनके बारे में आसपास के लोगों से जानकारी जुटाई और थाना क्षेत्र के जंगलों में उनकी तलाश की। अथक प्रयास से तीनों नाबालिग बालक रेतीधार जंगल में मिले, जिन्हें सकुशल बरामद कर लिया। ये तीनों बालक एक ही गांव के निवासी हैं। किसी बात पर परिजनों से नाराज होकर घर से चले गए। इतना ही नहीं घर छोडऩे से पूर्व एक नोट लिखकर गये थे कि मम्मी-पापा हमें मत ढूंढना, हम नौकरी की तलाश में जा रहे हैं।

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