( भाजपा अपनी स्थापना की ४६वीं वर्षगांठ धूमधाम से मना रही हैं, स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक के सफर में न जाने कितने आये कितने चले गये, कुछ पहचान बना गये, कुछ नींव का पत्थर बन रह गये।
इन जैसे लोगों के उदाहरण है पूज्य गोविंद सिंह बिष्ट (वकील सहाब) जिनकी आज 13 अप्रैल को पच्चीसवीं पुण्य तिथि है। 12म ई 1920 को जन्मे गोविंद सिंह बिष्ट वकील सहाब जिन्हें चाहे किसी भी उम्र का हो “गोविंदा”के नाम से पुकारता था बाद में कुछ लोग “गोविंद चच्चा”के नाम से पुकारते थे।
वकालत के पेशे के धनी गोविंद सिंह बिष्ट विधायक उपनेता प्रतिपक्ष के रूप में उत्तर प्रदेश विधानसभा सभा में अपनी एक अमिट व अविस्मरणीय पहचान छोड़ गये। जनसंघ के संस्थापक सदस्य, भाजपा के संस्थापक सदस्य में अविवाहित गोविंदा का एक अविस्मरणीय योगदान रहा।
वकालत के पेशे में गोविंदा की एक अलग पहचान व विशिष्टता रही , उनके समकालीन सोबन सिंह जीना, राम दत्त जोशी, गोर्वधन उप्रेती, मनोहर सिंह कार्की, बलबंत सिंह भाकुनी, दिनेश चन्द्र साह आदि आदि वकील साहिब के साथ मुझे भी शिष्य बन वकालत पेशे में बहुत कुछ सिखने का मौका मिला,गोविंदा की एक अलग पहचान ” हंसी मजाक में जिरह आदि में अपना पक्ष रखना, बातों बातों में बैंच को तंज़ कर उनकी आदत व व्यवहार का एक हिस्सा था। जिसे बैंच ने कभी अन्यथा न लिया।
गोविंदा के कंधे का झोला आज भी याद आ गया है । “मी लार्ड नाव आई एम सिरियस” की बात कल की सी बात लगती है।बार कक्ष में जूनियर्स को बैठा पार्टी का काम करना भी उनकी एक अदा थी। ऐसे महान व्यक्तित्व को पुण्य तिथि पर सादर नमन सादर नमन वन्दन 🙏🙏🙏


