चंपावत जिले के सीमांत मंच क्षेत्र से एक बार फिर सड़क सुविधा की कमी की हृदय विदारक तस्वीर सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग के निधन के बाद शव को वाहन से सिर्फ मंच तक लाया जा सका, लेकिन आगे 12 किलोमीटर लंबा सफर ग्रामीणों को कंधे पर तय करना पड़ा।रूइया ग्राम पंचायत के खटगिरी तोक निवासी 65 वर्षीय संतोष सिंह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और जिला अस्पताल में भर्ती थे।
सोमवार को घर लौटते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। वाहन से शव को मंच तक लाया गया, इसके बाद ग्रामीणों ने पन्नी में लपेटकर डंडे से बांधते हुए बारिश और फिसलन भरे पहाड़ी रास्तों पर कंधे पर उठाकर गांव तक पहुंचाया।
इस दौरान लगभग चार घंटे लगे।ग्रामीण प्रेम सिंह, गणेश, हिमांशु, बचन सिंह, रवींद्र, राजन सिंह, श्याम सिंह, केशव सिंह और अमित ने बताया कि सड़क न होने से मरीज, गर्भवती महिलाएं और अब शव तक कंधे पर ढोना उनकी मजबूरी बन गई है। यह समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है।
मृतक के दोनों बेटे बाहर नौकरी करते हैं और मंगलवार को उनके गांव लौटने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि 2003 से प्रस्तावित इस सड़क का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो पाया है, हालांकि हाल ही में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सर्वे दोबारा शुरू किया गया है।


