शनिवार को नैनीताल के मल्लीताल आवागढ़ क्षेत्र में डरावना नजारा देखने को मिला। यहां एक दोमंजिला भवन कुछ घंटे पहले हुये भूस्खलन के बाद पूरा का पूरा पलट कर ढह गया। इससे भवन की ऊपरी एक मंजिल तो चकनाचूर हो गयी, जबकि निचली मंजिल नीचे आकर खड़ी हो गयी।

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इसके अलावा भी एक अन्य भवन टेढ़ा हो गया, जबकि अन्य करीब आधा दर्जन भवनों को भी खतरा उत्पन्न होने के बाद प्रशासन उन्हें खाली करवा रहा है। गनीमत रही कि पहला भूस्खलन होने के बाद लोग सचेत हो गये थे और घर खाली कर लिया था, अन्यथा या रात्रि में यही घटना होने से जनहानि भी हो सकती थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आवागढ़ क्षेत्र में पहला भूस्खलन सुबह तड़के करीब साढ़े तीन बजे के आसपास हुआ। इसके बाद खतरा भांप पर सेवानिवृत्त तहसील कर्मी सुभाष कुमार के परिवार के लोगों ने अपना घर खाली कर दिया। यह घर अपराह्न करीब दो बजे ढह गया। भवन के ढहने से नीचे के घर को भी नुकसान पहुंचा है।

इस मामले में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्रशासन बीडी पांडे जिला चिकित्सालय के भवनों को पिछले पांच दिनों से भारी भरकम जेसीबी व ड्रिल करने वाली वाइब्रेटर मशीनों से तोड़ने में लगा है। इससे पूरी पहाड़ी थर्रा रही है। ध्वस्त हुये भवन के पास भी एक भवन को मशीनों से तोड़ा गया है। इस वजह से भवन ध्वस्त हुआ है।

वहीं इस मामले में पूछे जाने पर एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि भवन अवैध रूप से बना हुआ था। बताया गया है कि इसे सील भी किया गया था। इसके आधार में भी कुछ नहीं है। घर में कॉलम- बीम भी नहीं थे। इसके नीचे की मिट्टी की मिट्टी भी काफी कमजोर है। भवन में पानी की निकासी का भी कोई प्रबंध नहीं था।

पिछले दिनों से काफी बारिश भी हो रही थी। एसडीएम ने दावा किया कि इधर इसमें नया निर्माण भी हुआ था। संभवतया इसी कारण भार पड़ने की वजह से भवन ध्वस्त हो गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद इसके आसपास के चार- पांच घरों को खाली कराया जा रहा है।

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