देहरादून। राज्य सरकार संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाने जा रही है। इसके तहत प्रदेश में अब कक्षा एक से संस्कृत पढ़ाई जाएगी। संस्कृत विद्यालयों में छात्रों की घटती संख्या और कक्षा छह से संस्कृत शुरू होने पर छात्रों को होने वाली कठिनाई को देखते हुए विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है। संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक गैरोला के मुताबिक, इसके लिए हर जिले में कक्षा एक से पांचवीं तक के पांच विद्यालयों को मान्यता दी जाएगी। हर जिले में एक संस्कृत गांव बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

Advertisement

इसके लिए 10 जिलों में गांव चिह्नित किए जा चुके हैं, जबकि अन्य में इसकी प्रक्रिया चल रही है। संस्कृत शिक्षा सचिव ने चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और टिहरी जिले के कई संस्कृत विद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया, संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। बालिकाओं के साथ ही एससी, एसटी के छात्रों को संस्कृत शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा।इसके लिए हर जिले में शिविर लगाए जाएंगे। बताया, कई विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान देखने में आया कि इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं है, लेकिन छात्र संख्या कुछ कम दिखी। संस्कृत शिक्षा निदेशक आनंद भारद्वाज बताते हैं कि समग्र शिक्षा के तहत 1265 करोड़ रुपये का बजट है, लेकिन संस्कृत शिक्षा के लिए बजट नहीं हैं।कहा, संस्कृत शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं, प्रयास किया जाएगा कि इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को स्कूल ड्रेस, पाठ्य पुस्तकें, मिड-डे मील समेत कुछ अन्य सुविधाएं मिलें।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement