भाकृअनुप – विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में दिनांक 29 मई, 2025 को माननीय कृषि मंत्री महोदय द्वारा आहूत ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’, जो मई 29 से जून 12, 2025 तक चलना है, का शुभारम्भ परिषद गीत से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. एस. एस. बिष्ट, कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा ने इस कार्यक्रम की महत्ता से अवगत कराते हुए कहा कि सभी कृषि, उद्यान, शोध संस्थान अपनी विकसित प्रजातियों एवं तकनीकियों को कृषकों तक पहुँचाते है जिनका लाभ लेकर कृषक कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ ही आर्थिक रूप से सुदृढ़ता की ओर बढ़ते है।
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी कृषकों का आह्वान किया कि वे अपने स्थान की पारिस्थितिकी के अनुसार इन शोध व तकनीकियों में क्या परिवर्तन करना है, की जानकारी उनके क्षेत्र में भ्रमण कर रही वैज्ञानिक टीम को अवश्य दें ताकि भविष्य में कृषि में तदनुसार परिवर्तन कर उसे और समृद्ध बनाया जा सके। उनके अनुसार आज विश्व के विचार भारतवर्ष के लिए बदल रहे है यहीं विकसित भारत की एक निशानी है। शिक्षा में कृषि एवं नैतिक शिक्षा के महत्व को बताते हुए उन्होंने प्राथमिक शिक्षा में इन विषयों को जोड़ने का भी सुझाव दिया।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकान्त ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि यह अभियान माननीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा पुरी से प्रारम्भ होगा। अपने उद्भोदन में उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वप्न “2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना” तभी सम्भव है जब कृषि भी पूर्ण रूप से विकसित हो।
इस अभियान के उद्देश्य “एक देश, एक खेती, एक टीम” को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान अल्मोड़ा जिले के 414 गांव में चलाया जा रहा है जिसमें वैज्ञानिकों/विशेषज्ञों के 135 दल विभिन्न गांव का भ्रमण कर प्रतिदिन 300 किसानों को प्रजाति, सस्य क्रियाओं, रोग-कीट नियन्त्रण, कृषि की अन्य उन्नत तकनीकों, केन्द्र व राज्य सरकार की कृषि योजनाओं से सम्बन्धित जानकारी देंगे तथा कृषि की चुनौतियों व समस्याओं पर कृषकों की प्रतिक्रिया लेंगे।
उन्होंने कृषकों से अनुरोध किया कि वे अपने नवाचारों एवं पारम्परिक तकनीकी की जानकारी विशेषज्ञों से अवश्य साझा करें ताकि उनके नवाचार एवं तकनीकी वृहद स्तर पर पहुँचे और उसका वाणिज्यीकरण हो पाए जिसके फलस्वरूप कृषकों को भी उसका लाभ मिल सके। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि यह अभियान अवश्य ही नीति निर्धारण के साथ ही शोध की दिशा तय करने में सफल होगा।
श्री पी. के. सिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि, कुमाऊँ मण्डल ने अपने व्याख्यान में पर्वतीय कृषि की मुख्य चुनौती जंगली जानवरों की समस्या एवं चकबन्दी की आवश्यकता पर बल देते हुए वैज्ञानिकों से सकारात्मक परिणाम हेतु तकनीकी को खेत पर ले जाने तथा कृषकों को उनका सहयोग करने का अनुरोध किया। संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. जे. सी. भट्ट ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह अभियान शोध व प्रसार का समन्वयन है जिसका मुख्य उद्देश्य कृषकों को जागरूक कर उनकी प्रतिक्रियाओं के अनुरूप कृषि कार्यक्रमों को विकसित करना है।
राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी कटारमल, अल्मोड़ा के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल ने अपने वक्तव्य में संस्थान द्वारा किए गए शोध एवं विकास कार्यों की सराहना करते हुए इस कार्यक्रम की उपयोगिता को बताया और कृषकों को उनके क्षेत्रों में भ्रमण कर रही टीम को सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ 2047 तक हमारा देश विकसित होने के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य भी विकसित की श्रेणी में आ जाएगा जहां शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार की सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी लेकिन इस ओर हमारे युवाओं को अपनी सकारात्मक भागीदारी करनी सुनिश्चित करनी पडे़गी। तदुपरान्त संस्थान के विकसित कृषि संकल्प अभियान रथ को सम्माननीय अतिथियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर श्री वी. के. शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी, अल्मोड़ा, डॉ. नरेन्द्र कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी, अल्मोड़ा, आकाशवाणी, अल्मोड़ा के निदेशक श्री रमेश चन्द्रा, संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार हेडाउ, डॉ. कृष्ण कान्त मिश्रा, डॉ. बी. एम. पाण्डेय, इस अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी के अतिरिक्त वैज्ञानिक व सम्बन्धित विभागों के कार्मिकों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का सफल संचालन विभागाध्यक्ष फसल सुरक्षा डॉ. कृष्ण कान्त मिश्रा तथा धन्यवाद प्रस्ताव नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी ने किया। इस शुभारम्भ कार्यक्रम के उपरान्त कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों डॉ. अनुराधा भारतीय, श्री वी. के. शर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी, अल्मोड़ा, डॉ. नरेन्द्र कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी, अल्मोड़ा, भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी निगम (ईफको) के
श्री राजीव शर्मा, सहायक निदेशक रेशम श्री संजय काला, भारतीय स्टेट बैंक जनरल इन्श्योरेंस के श्री कृष्ण गोस्वामी ने समस्त कृषकों के मध्य शोध, योजनाओं, फसल बीमा योजना इत्यादि से सम्बन्धित विचार साझा किए। इस अवसर पर पुरी से माननीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा अभियान के शुभारम्भ का सीधा प्रसारण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान 151 प्रगतिशील कृषकों ने भागीदारी की।


