“भपर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में हरित कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रकृति संरक्षण सह इको टूरिज्म गाईड प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ इआईएसीपी केंद्र, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में किया गया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल द्वारा स्वागत सम्बोधन से हुआ। अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने संस्थान के शोध एवं विकास गतिविधियों तथा संस्थान के 4 प्रमुख केन्द्रों एवं 5 क्षेत्रीय इकाईयों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के साथ आजीविका संवर्धन करने और पर्यावरण मंत्रालय के दूरगामी लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपना योगदान देने पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न 8 जनपदों से चयनित 40 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। निदेशक महोदय के संबोधन के पश्चात् इआईएसीपी केन्द्र के समन्वयक ई0 एम0एस0 लोधी, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे हरित कौशल विकास कार्यक्रम तथा इआईएसीपी केन्द्र में समय-समय पर होने वाले कार्यक्रम और प्रकृति संरक्षण सह इको टूरिज्म गाईड प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
उन्होंने होमस्टे, मधुमख्खी पालन, हाईड्रोपोनिक्स, फोटोग्राफी आदि विषयों पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय, भारत सरकार के प्रयासों के बारे में बताया। विशिष्ट अतिथि श्री प्रकाश खत्री, जिला पर्यटन अधिकारी, अल्मोड़ा ने सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों पर्यटन विभाग द्वारा प्रकृति प्रेमियों हेतु स्वरोजगार अपनाने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता और स्वनिर्मित उत्पादों को बाजार मुहैया कराने पर अपने विचार व्यक्त किये।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी 10 दिनों हेतु कॉर्बेट नेशनल पार्क, रामनगर, नैनीताल में आयोजित किया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर के प्रभारी डॉ0 ललित गिरी ने वर्तमान कृषि व्यवस्था में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर विस्तृत व्याख्यान स्लाईड के माध्यम से दिया और पिछले 5 वर्षों में किये गये कार्यां को समायोजित कर भविष्य में आय के प्रमुख साधन जोड़ने पर जोर दिया।
डॉ0 कुलदीप जोशी ने नेचर फोटोग्राफी के माध्यम से आय अर्जित करने के विभिन्न तकनीकों के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी दी। श्री दरवान बिष्ट द्वारा संस्थान के ग्रामीण तकनीकी परिसर में स्थापित विभिन्न आजीविका संवर्धन तकनीकों के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को बताया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 50 विषेषज्ञ अपना अनुभव प्रशिक्षणार्थियों के मध्य साझा करेंगे तथा इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के उपरान्त स्वरोजगार के अवसरों, उद्यमिता हेतु कौशल विकास, पैराग्लाईडिंग, राफ्टिंग, ट्रैगिंग आदि विषयों पर अपना कौशल विकास अर्जित करेंगे।
इस प्रशिक्षण के उपरान्त प्रशिक्षणार्थी अपने ग्राम एवं जनपद में स्वरोजगार अपनायेंगे। कार्यक्रम में इआईएसीप केंद्र के डॉ० महेशानंद, श्री कमल किशोर, श्री हेम तिवारी, सुश्री योगिता तथा संस्थान के शोधार्थी एवं संस्थान के कर्मचारी उपस्थित रहे।
