( एक न्यायिक कमेटी ने माना गड़बड़ी हुयी, रिपोर्ट पर आयोग ने लिया फैसला)

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पेपर लीक प्रकरण में बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त कर दिया है।आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त कर दिया है। यह वही परीक्षा थी जो 21 सितंबर 2025 को पूरे प्रदेश में कराई गई थी। आयोग ने शुक्रवार 11 अक्टूबर को प्रेस नोट जारी कर इसकी पुष्टि की। आयोग ने कहा है कि परीक्षा की पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब यह परीक्षा तीन महीने के भीतर फिर से कराई जाएगी।

आयोग के मुताबिक यह परीक्षा 9 अप्रैल 2025 को जारी विज्ञापन के तहत कराई गई थी। परीक्षा के दौरान दोपहर करीब डेढ़ बजे सोशल मीडिया पर कुछ प्रश्नों के स्क्रीन शॉट वायरल हो गए थे। मामला सामने आते ही आयोग ने इसकी जानकारी तुरंत देहरादून एसएसपी को दी और जांच की मांग की।जांच में सामने आया कि 22 सितंबर को देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद 27 सितंबर को राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए। जांच की जिम्मेदारी उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व जज यूसी ध्यानी को सौंपी गई।जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी।

रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद आयोग ने फैसला लिया कि परीक्षा को दोबारा करवाना ही सबसे उचित रहेगा। आयोग का कहना है कि परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए।

इसलिए 21 सितंबर की परीक्षा को रद्द किया जाता है और तीन महीने में नई परीक्षा कराई जाएगी।इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब परीक्षा के कुछ मिनट बाद ही प्रश्न पत्र के पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जांच में पता चला कि हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज बहादरपुर जट से पेपर लीक हुआ था। इसी सेंटर पर आरोपी खालिद परीक्षा दे रहा था।

सेंटर के कुछ कमरों में जैंमर नहीं लगे थे। खालिद परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद वॉशरूम गया और वहां से पेपर के तीन पेज अपनी बहन साबिया को भेज दिए। साबिया ने वे पन्ने प्रोफेसर सुमन को भेजे। सुमन ने इसकी सूचना पुलिस को देने के बजाय उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार को दी। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर फैल गया।पुलिस ने जांच में तेजी दिखाते हुए पहले प्रोफेसर सुमन और फिर साबिया को पूछताछ के लिए बुलाया। साबिया ने कबूल किया कि उसका भाई ही पेपर लीक करने के पीछे था। पुलिस ने बाद में खालिद को भी गिरफ्तार कर लिया। पूरे मामले की जांच अभी जारी है। आयोग ने कहा है कि पारदर्शिता और भरोसे को बनाए रखने के लिए परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी।

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