बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्री कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देना सामाजिक न्याय और संघर्ष की शक्ति का सम्मान है। जिस हेतु नितिश कुमार और तेजस्वी यादव भी बधाई के पात्र है। यदि बिहार सरकार जातिगत जनगणना नहीं करवाती तो फिर केंद्र सरकार को कर्पूरी ठाकुर जी की याद नहीं आई होती।

इसका श्रेय राहुल गांधी को भी जाता है, यदि वह घूम-घूम करके जातिगत जनगणना को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाते और कहते कि इंडिया का यह चुनाव का मुद्दा होगा तो भी शायद कर्पूरी_ठाकुर जी को मरणोपरांत यह सम्मान नहीं मिला होता। मगर जो निर्णय है वह निश्चय ही स्वागत योग्य है। राजनीति के लिए ही सही, एक गरीब परवर ईमानदार राजनेता को सत्ता शीर्ष ने याद तो किया। उक्त विचार सोशियल मिडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड हरीश रावत ने व्यक्त किए हैं।

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