बहुचर्चित जोशीमठ क्षेत्र को लेकर नैनीताल उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने जोशीमठ क्षेत्र पर 23 अक्टूबर को दिल्ली में सुनवाई करने जा रही है।

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नैनीताल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपीन सांघवी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने गत 25 सितंबर को उपपा के पी सी तिवारी की जनहित याचिका {WP(PIL) नंबर 67/2021 पी सी तिवारी बनाम सरकार} में याची को एनडीएमए में सुनवाई देने का आदेश दिया था जिसके अनुपालन में यह सुनवाई आयोजित की जा रही है।

सुनवाई में याची के अलावा उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ रंजीत सिन्हा एवं तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना का निर्माण कर रही नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (NTPC) को अपना पक्ष रखने के लिए भी बुलाया गया है।

ज्ञातव्य है कि फरवरी 2021 को रैणी एवं तपोवन विष्णुगाड़ परियोजना क्षेत्र में हुई तबाही जिसमें 204 लोगों की एनटीपीसी के टनल में मृत्यु हो गई थी के बाद दायर इस जनहित याचिका में गत दिसंबर – जनवरी से जोशीमठ क्षेत्र में भू धसाव को लेकर भी विचार हो रहा है। एनटीपीसी ने न्यायालय में परियोजना क्षेत्र में निर्माण और विस्फोट की अनुमति की मांग की है जिसके आधार पर यह कार्यवाही चल रही है।

इस बीच याची की तरफ से अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी एवं अधिवक्ता अभिजय नेगी ने वृस्तित प्रत्यावेदन एनटीपीसी को भेजकर मुख्य रूप से कहा है कि हिमालयी क्षेत्र में परियोजनाओं के निर्माण व विस्फोट की अनुमति देने वाली संस्थाओं को परियोजना क्षेत्र में होने वाली किसी भी दुर्घटनाओं की आपराधिक एवं सिविल जिम्मेदारी लेने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

साथ ही प्रत्यावेदन में अनेक विषय विशेषज्ञों से वार्ता कर उनके मुख्य बिन्दुओं को याची के अधिवक्ताओं के माध्यम से एनडीएमए को भेजा जा चुका है।इस सम्बंध में 23 अक्टूबर को हो रही सुनवाई के लिए याची पी सी तिवारी एवं उनके अधिवक्ता अभिजय नेगी एवं स्निग्धा तिवारी अपने साथियों के साथ दिल्ली जाएंगे।

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