कैंचीधाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जल्द ही ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल गई है। अब पर्यटन विभाग क्षेत्र की धारण क्षमता जानने के लिए सर्वे कराएगा। इसमें वाहनों की नंबर प्लेट पहचान के लिए एएनपीआर कैमरे व श्रद्धालुओं के हेड काउंटिंग के लिए मंदिर के गेट पर कैमरे लगाए जा रहे हैं।जिला प्रशासन ने कैंचीधाम में पहुंच रहे अत्यधिक श्रद्धालुओं से क्षेत्र में जाम लगने व अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए सर्वे कराया था। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सर्वे अवधि के दौरान 20 दिनों में कैंचीधाम में 3,72,000 श्रद्धालु पहुंचे। वीकेंड में कैंचीधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 20 से 22 हजार रही।
जबकि प्रबंधन समिति का जो क्षमता का आंकलन है, उसके तहत मंदिर में एक दिन में लगभग सात हजार श्रद्धालु ही आसानी से दर्शन कर सकते हैं। ऐसे में देखा जाए तो सर्वे के दिनों में मंदिर में क्षमता से तीन गुना अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। डीएम नैनीताल की ओर से यह रिपोर्ट पर्यटन सचिव को भेजकर कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू कराने की सिफारिश की गई थी, ताकि श्रद्धालुओं का सटीक डाटा मिले। इससे प्रशासन को क्षेत्र में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। सर्वे रिपोर्ट में यह भी कहा है कि विशेष मौकों पर लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने से क्षेत्र में जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है। इससे श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों और पर्यटक परेशान हैं। शासन को भेजे गए प्रस्ताव के बाद पर्यटन विभाग ने कैंचीधाम व आसपास के क्षेत्र की धारण क्षमता का सर्वे कराने व विभिन्न स्थानों पर कैमरे लगाने के लिए टीम गठित कर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर कैंचीधाम के एसडीएम को टीम को गाइड करने व सहयोग के लिए नोडल अधिकारी बनाया है।


