पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमायूँ परिक्षेत्र डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय में मीडिया को बताया कि अपराध नियंत्रण तो पुलिस का कार्य है ही किन्तु मेरी प्राथमिकता रहेगी की रिस्पान्सिब पुलिसिंग, पुलिस का जनता के प्रति व्यवहार कैसा है,उनकी समस्याओं को किस प्रकार सुना जा रहा है , उनकी समस्योँ का निराकरण हो रहा है या नहीं, निकारण कितने समय में हुआ है।

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उत्तराखण्ड उत्तर- प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगा हुआ है जिससे कारण कुमायँ में भी नशे की समस्या है नशे से निपटने के लिए पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है प्रदेश में गैंगस्टर के तहत नशे के कारोबारियों की सम्पत्ति भी जब्त की जा रही है किन्तु नशे से निपटने के लिए संयुक्त रुप से प्रयास किये जाने की आवश्यता है जैसे माता –पिता का व्यवहार तथा उनका दायित्व है कि उनके बच्चे का साथ कैसा है, किन-किन लोगों के साथ है तथा स्कूल/कालेजों की जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है, उत्तराण्ड के हर जनपद में ए0डी0टी0एफ0 का (एन्टी ड्रग्स टास्ट फोर्स) का गठन किया गया है जिसका कार्य सिर्फ नशे के खिलाफ कार्वाही करना है डीआईजी द्वारा अवगत कराया गया कि इस सैल को और अधिक एक्टिव किया जायेगा ।

साईबर क्राईम उत्तराखण्ड का ही नहीं बल्कि आधुनिक युग में सम्पूर्ण विश्व के लिए घातक सिद्ध हो रहा है नये –नये तरीकों से साईबर फ्राड हो रहे है इसको रोकने का सबसे अच्छा तरीका है जागरुकता समाज को साईबर क्राईम के प्रति जागरुक होना पडेगा

नैनीताल चूकिं एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जिसके कारण यातायात की समस्या रहती है विगत एक वर्ष में कैंची धाम में भी अच्छे खासे पर्यटक आये तो यातायात व्वस्था पुलिस के लिए एक चुनौती है जिससे निपटने के लिए कार्य किया जायेगा ।

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