उत्तराखंड में भूस्खलन अभी भी जारी है। अब नैनीताल की सबसे बड़ी पहाड़ी दरक गई है। शहर की सबसे बड़ा नयना पीक पहाड़ी पर जबरदस्त भूस्खलन हुआ। देर रात तेज आवाज सुन पहाड़ी की तलहटी पर बसे लोग भी घरों से बाहर निकल आए

Advertisement

गनीमत रही कि बोल्डर व पत्थर आबादी क्षेत्र तक नहीं पहुंचे।किसी प्रकार की हानि तो नहीं हुई, लेकिन फिर भी क्षेत्रवासियों में भूस्खलन को लेकर दहशत बनी हुई है। उन्होंने पहाड़ी से नीचे की ओर आ रहे बोल्डर व मलबे की रोकथाम के पर्याप्त इंतजाम करने की मांग की है।

बीते करीब दो सप्ताह से शहर का मौसम साफ था। मगर मंगलवार देर शाम कुछ समय के लिए मूसलाधार वर्षा हुई। दो सप्ताह से चटक धूप और मूसलाधार वर्षा से देर रात चाइना पीक में भारी भूस्खलन हुआ। मुख्य चोटी के समीप की चोटी का ऊपरी हिस्सा टूट कर नीचे आ गिरा। जिसमें भारी मात्रा में पत्थर व बोल्डर तलहटी से आबादी क्षेत्र के करीब तक पहुंच गए। देर रात तेज आवाज सुन तलहटी पर बसे लोग भी घरों से बाहर निकल आए।

क्षेत्रीय सभासद दया सुयाल ने बताया कि कई बार पहाड़ी पर भूस्खलन हो चुका है। जिससे आबादी क्षेत्र तक भी मलबा व बोल्डर आने का भय बना हुआ है। पूर्व में कई बार इसकी रोकथाम की मांग के बाद भी कोई इंतजाम नहीं किये गए। उन्होंने जिला प्रशासन व वन विभाग से रोकथाम कार्य कराने की मांग की है।

Advertisement
Ad Ad Ad
Advertisement
Advertisement
Advertisement