
छायावाद के प्रमुख स्तम्भ एवं प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पंत के पैतृक गाँव स्यूनराकोट (अल्मोड़ा) में सुमित्रानन्दन पंत स्मारक समिति द्वारा आयोजित पंत जी की जयन्ती समारोह (जन्मोत्सव) के शुभ अवसर पर डॉ. धाराबल्लम पांडेय ‘आलोक’ की स्वरचित / सम्पादित पुस्तक ‘प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पंत’ एवं काव्य ग्रंथ ‘माँ ममता और माटी’ का विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि त्रिलोचन पन्त, अध्यक्ष लाल सिंह स्यूनरी मुख्य वक्ता कपिलेश भोज विशिष्ट अतिथि नवीन बिष्ट, इतिहासकार निर्मल जोशी, प्रधानाचार्य डॉ. उमेश चन्द्र पाधेय, ललित प्रसाद पंत, लता पाण्डेय, दीवान कनवाल एवं संचालक व आयोजक श्री नीरज पंत के कर कमलों द्वारा किया गया।प्रकृति के सुकुमार कवि ‘सुमित्रानन्दन पंत पुस्तक पंतजी के सम्पूर्ण जीवन, उनका व्यक्तित्व एवं हिन्दी साहित्य में उनकी प्रखर छवि तथा उनके द्वारा साहित्य के उत्थान में दिए गये योगदान पर विस्तृत प्रकाश डालती है। दूसरी पुस्तक माँ, ममता और माटी स्वरचित मौलिक काव्यग्रंथ है।
उसमें माँ, माँ की अमता, माँ के विभिन्न स्वरूप, मातृभूमि और माटी से संबंधित जन्म भूमि व मातृभक्ति गीत एवं कविताओं का संग्रह है। इसमैं ग्रामीण जीवन, पर्यावरण, नारी जीवन, बेटी, त्योहार, वृक्षारोपण आदि को भी सम्मिलित किया गया है। इसमें अधिकांश कविताएं एवं गीत छन्दोबद्ध हैं।डॉ० पाण्डेय द्वारा साढ़े बाईस हजार वर्षीय इसवी सन्, विक्रमी संवत् राष्ट्रीय शक संवत् एवं बंगला संवत के संयुक्त कैलेंडर सहित अब तक 23 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सेवाकाल के दौरान पांच पत्रिकाओं का भी संपादन कर चुके हैं। डाँ पाण्डेय को विभिन्न शैक्षिक एवं साहित्यिक पुरस्कार मिल चुके हैं। शेष लेखन कार्य अविरल चल रहा है।
इस अवसर पर शशि शेखर जोशी, महेंद्र ठकुराठी,विपिन जोशी कोमल, मोहन लाल टम्टा, मीरा जोशी, गीता स्यूनरी, विनीता जोशी, विमला बिष्ट, पी० सी० जोशी, विपुल जोशी, निर्मल जोशी, पी०सी० तिवाड़ी, कंचन तिवारी, पूनम जोशी, कमला बिष्ट, भावना जोशी, गीता जोशी एवं विभिन्न ग्रामीण प्रबुद्धजन माताएं, बहनें, एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थीं।


