देहरादून। शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों को बैग के भारी वजन से राहत दिलाने की पहल की है। अब उत्तराखंड में स्कूली बच्चों का वजन तय कर दिया गया है। इस संबंध में उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने जिलों को आदेश जारी कर दिये हैं। यह नियम सरकारी के साथ ही प्राइवेट स्कूलों में भी लागू होगा।शिक्षा सचिव रविनाथ रामन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश पर 11 जनवरी 2024 को प्रदेश के विद्यालयों में बस्ता रहित दिवस के संचालन के निर्देश दिए गए थे।
जबकि अब केंद्र सरकार के स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के आधार पर स्कूल बस्ते का वजन तय किया गया है। इस संबंध में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके आधार पर कक्षावार स्कूल बस्ते का वजन तय किया गया है।
भारी बोझ से बच्चों का विकास हो रहा है प्रभावित
अभिभावकों के मुताबिक नर्सरी से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के बस्ते का अच्छा खासा वजन है। बस्ते का अधिक वजन होने से बच्चे बुरी तरह से थक जाते हैं। इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है। पहले बच्चे स्कूल से घर आने पर खेलते थे, अब घर आते ही थक कर सो जाते हैं। बस्ते का वजन कम करने के लिए वजन तय करना सरकार की अच्छी पहल है।
एससीईआरटी निदेशक वंदना गर्ब्याल के अनुसार केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कक्षावार छात्रों के बस्ते का वजन तय किया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश के सरकारी और निजी सभी विद्यालयों के लिए लागू होगी।