अल्मोड़ा खटीमा व मंसूरी तथा मुजफ्फरनगर कांड के विरोध में आज उत्तराखंड लोक वाहिनी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उत्तराखंड लोक वाहनी के वरिष्ठ नेता एड. जगत रौतेला ने कहा कि 1994ं में राज्य आंदोलन के दौरान एक व दो सितंबर को खटीमा तथा मंसूरी में राज्य आंदोलनकारियों पर तत्कालिक सरकार द्वारा दमन चक्र चलाया गया.
जिसमें कई आंदोलनकारियो की मौत हो गई ,उन्होंने कहा की शहादत के इतने वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा पूर्ण नहीं हुई है. पहाड़ की कुछ विशेष उन्नति नही हुई है उन्होंने कहा जब तक उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण में नहीं बनाई जाती तब तक राज्य आंदोलन के प्रमुख उद्देश्य पूर्ण नहीं होंगे.उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में पलायन बहुत तेजी से हो रहा है , रोजगार के अवसर स्थापित नहीं हुए हैं
रोजगार के अवसर प्रतिदिन कम होते चले जा रहे हैं,यदि हालात ऐसे ही रहे तो एक और जन आंदोलन होने की संम्भावनाये बढ़ जायेगी.राज्य के पर्वतीय क्षेत्रो के लोग अपने को ठगा महसूस करने लगे हैं , इस अवसर पर उत्तराखंड लोक वाहिनी के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी ने सभी आंदोलनकारी को अपनी ओर से श्रद्धान्जली दी. इस कार्यक्रम में उ लो वा के उपाध्यक्ष जंगबहादुर थापा ,रेवती बिष्ट , अजयमित्र सिंह बिष्ट , दयाकृष्ण काण्डपाल , हारिश मुहम्मद ,अजय मेहता आदि मौजूद रहे.।