अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की खोल्टा यूनिट में मानवाधिकार दिवस पर गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ, गोष्ठी मै इस दिवस की महत्ता बताते हुए आम नागरिक और मानवाधिकारों पर देश और दुनियां में हो रहे हमलों पर चिंता रोष व्यक्त किया गया।

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युद्ध के विरुद्ध शांति, समता, न्याय और आजादी की घोषणा की इस वर्ष हीरक जयंती है लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ की असफलताफिलिस्तीन की जनता पर इज़राइल और उसके सरपरस्त अमेरिकी साम्राज्यवाद तथा यूरोप के अन्य साम्राज्यवादी देशों के सहयोग व समर्थन से, चल रहे जनसंहार को ना रोक पाना रही है।

नारी वंदन के नारे में उलझाने वाली आर एसएस, भाजपा गढ़बंधन की सरकार के मुखिया मणिपुर में हुई हिंसा और महिलाओं पर खुलेआम हुए यौन उत्पीड़न पर मौन ही नहीं बल्कि घटना स्थल का जायजा लेने तक नही पहुंचे, नारी वंदन बिल भी जनगणना और परिसीमन में डाल कर अधर में रख दिया, मोदी सरकार में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर तीखा हमला हो रहा है, निर्दोष बुद्धिजीवी, वृद्ध , विकलांग , बीमार जेल की सलाखों में बंद हैं, उन्हे जमानत तक नही मिल रही, जबकि भाजपा आर एस एस के अपराधियों के केस सरकार वापस ले रही है। देश में गरीबी,महिला हिंसा, यौन हिंसा,खाद्य असुरक्षा, बेरोजगारी चरम पर है। बिजली, गैस, राशन मंहगाई के चलते मध्यम, निम्न वर्ग का जीवन खतरे में ही है।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर किए वायदा खिलाफी से किसान आज भी अक्रोशित हैं। उत्तराखंड के विकास की बात पर जनवीरोधी नीतिया बन रही है, सिलक्यारा में 41मजदूरों की रक्षा उपाय सब फेल साबित हुए हैं उधर राज्य केंद्र सरकार वेडिंग डेस्टीनेशन के धंधे चलाने का आह्वान कर पहाड़ को मुनाफाखोरी और प्रदूषित करने का अड्डा बना रहे हैं।
वक्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार से मानव गरिमा की रक्षा और आम जनता की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने और जन विरोधी, महिला विरोधी, पहाड़ विरोधी नीतियों को वापस लेने एवम् महिला आरक्षण बिल बिना शर्त अविलंब लागू करने की मांग की।
गोष्ठी में एडवा की राज्य अध्यक्ष एडबोकेट सुनीता पाण्डे,जिला सचिव पूनम त्रिपाठी, यूनिट अध्यक्ष भावना तिवारी, भानु पाण्डे, विनीत जोशी, चंद्रा, निर्मला, माही, नेहा आदि ने भाग लिया। अध्यक्षता भावना तिवारी संचालन सचिव पूनम त्रिपाठी ने किया।

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