(कुमाऊं भर के पुलिस अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने की शिरकत, स्वस्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं ।)

प्रहलाद नारायण मीणा, एस0एस0पी0 नैनीताल द्वारा नैनीताल पुलिस परिवार की ओर से उत्तराखंड पुलिस परिवार के मुखिया अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड महोदयके सम्मान में हल्द्वानी शहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल हल्द्वानी में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुमाऊं भर के जिलों से पुलिस अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि, नैनीताल पुलिस परिवार के कर्मी, स्पोर्ट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सम्मानित मीडिया कर्मियों, डी०पी०एस० स्कूल प्रशासन, केमिस्ट एसोसिएशन, पब्लिक स्कूल एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट यूनियन,आईएमए डॉक्टर एसोसिएशन, गुरु सिंह सभा, पुलिस पेंशनर बोर्ड, प्रांतीय उद्योग पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी के द्वारा पुलिस महानिदेशक के सम्मान में अपने अपने वक्तव्य कहे गए।

चूंकि इस माह डीजीपी महोदय अपनी सराहनीय सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पुलिस विभाग को गति देकर अनेकों नए आयाम और कीर्तिमान रचने वाले आईपीएस अधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल में उठाए गए कदम जनता के लिए एक मित्र पुलिस की परिभाषा को सार्थक करते हैं और अधीनस्थ अधिकारी/कर्मियों के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने अपनी सेवा काल में अनेकों महत्वपूर्ण अभियान चलाए हैं। जो देश में उत्तराखंड पुलिस की मानवीय छवि को स्थापित करने तथा अपराधों पर अंकुश लगाने में एक मील का पत्थर साबित हुए हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रजवल्लन के साथ की गई। उसके पश्चात डीजीपी की *जीवनी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री* प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों और पुलिस के अधिकारियों ने डीजीपी उत्तराखंड के सराहनीय सेवा और यादगार पलों के संदर्भ में अपने अपने वक्तव्य दिए और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम के दौरान डी०जी०पी० द्वारा कार्यक्रम में आए सभी दर्शकों और गणमान्य व्यक्तियों/ पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रेषित शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि ” *मेरा अपने कार्यकाल के दौरान यह उद्देश्य रहा है कि जनता के मन से पुलिस का भय दूर हो, अपने उद्देश्य को हासिल करने में मैं काफी हद तक सफल हुआ हूं। जिसका जिक्र मैने अपनी पुस्तक “खाकी में इंसान” में भी किया है।* अपनी सेवा के दौरान मैने हमेशा यह प्रयास किया है कि जनता के साथ मिलकर पुलिसिंग की जाय। पुलिसिंग को स्मार्ट और संवेदनशील बनाने के भरसक प्रयास किए हैं।

जोकिअपराधियों के लिए सख्त और पीड़ितों के लिए संवेदनशील बन पाए। अपने कार्यकाल में मैंने एक ओर ऑपरेशन मर्यादा और ऑपरेशन प्रहार चलाया जिसमे पुलिस ने 02 हजार से भी ज्यादा अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा। चाहे भू माफिया हो, नकल माफिया हो, धोखाधड़ी करने वाले हों, या लुटेरे हों सभी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की गई। दूसरी ओर पुलिस को संवेदनशील बनाकर ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाए गए जो गुमशुदाओं के पुनर्वास और बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर शिक्षा के मार्ग पर लेकर आए। सम्मान कार्यक्रम का संचालन *डॉ जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम/ट्रैफिक नैनीताल एवम् प्रोफेसर सेन गुप्ता, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी भीमताल* ने किया। अंत में कार्यक्रम के समापन में *एसएसपी नैनीताल द्वारा अपने वक्तव्य* में कहा कि डीजीपी महोदय के द्वारा उत्तराखंड प्रदेश की जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं और अधीनस्थ पुलिस बल के मनोबल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई है। जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के सार्थक प्रयास किए हैं। उनकी सेवा प्रत्येक अधिकारी/कर्मी के लिए अनुशरणीय और प्रेरणादायक है।इसके उपरांत डीजीपी महोदय द्वारा *सर्किट हाउस काठगोदाम* में नैनीताल पुलिस के अधिकारियों के साथ वार्ता की गई।

नैनीताल पुलिस के अधिकारियों द्वारा डीजीपी महोदय को मोमेंटो भेंट किया गया और स्वस्थ्य और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित की गईं।

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