( साभार सोशियल मिडिया अल्मोड़ा समूह, आशीष जोशी की कलम से)

अल्मोड़ा के एक लोक प्रिय समूह “अल्मोड़ा”के सक्रिय सदस्य आशीष जोशी ने इस पोस्ट के माध्यम से जनहित की ज्वलंत मुद्दे को उजागर किया है, तथा उपरोक्त प्रश्न छोड़ा है, आशीष जी के साभार सहित यथावत पोस्ट
अभी हाल ही में , कुछ वर्ष पूर्व नगर पालिका अल्मोड़ा और जिला प्रशासन की एक टीम ने SDM सदर की अगवाई में, नगर का सर्वे कर, नगर में पार्किंग के लिए कुछ स्थान चिन्हित किए, फिर नगर में कुछ जगह नई पार्किंग भी बन गई।

अब नगर का ये आलम है कि पार्किंग होते हुए भी सड़क पर जगह जगह आड़ी तिरछी गाड़ियां खड़ी हुई है , पार्किंग होने के बावजूद भी लोग अपने दो पहिया / चो पहिया वाहन सड़क के ऊपर क्यों खड़े कर रहे हैं।????
पूरी एल आर शाह रोड – शिखर होटल से एन.टी. डी. तक सड़क के ऊपर खड़े हुए वाहनों की वजह से पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है, याद रहे इसी मार्ग पर 5–6 विद्यालयों के बच्चे भी हजारों की संख्या में आते जाते है, बूढ़े बुजुर्ग और महिलाएं भी हैं ( गाय कुत्ते बंदर तो हैं ही) जिनके लिए इन बेतरतीब खड़े वाहनों की वजह से बहुत ही परेशानी होती है और दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।
अब सवाल ये है कि जब भैरव मंदिर के साथ में बनी हुई दो पहिया पार्किंग ( जिसमें महिला समूह की महिलाएं पर्ची काटती है) , ठीक इसके बाहर सड़क के ऊपर कतार से दो पहिया वाहन क्यों खड़े हुए है????? क्यों ? क्यों ? क्यों???
जब ये पार्किंग बनीं जानता पैसे से, जानता की सुविधा के लिए है तो इसमें शुल्क इतना अधिक क्यों(₹20/–??)?? क्या ये सुविधा या सेवा न हो की पैसे कमाने का धंधा है?
क्यों नहीं पहले एक घंटे ये पार्किंग जनता के लिए निःशुल्क हो? और जो पूरा दिन खड़ी करते हैं उनसे ₹50 लें।
क्यों जवाब देगा ???


