अल्मोड़ा। जिले में महिलाओं के लिए खोले गए सबसे बड़े अस्पताल में अल्ट्रासाउंड ठप होने से गर्भवतियों की समस्या बढ़ गई है। यहां तैनात एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट को रानीखेत संबद्ध कर दिया गया। ऐसे में महिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताले लटके हैं और गर्भवतियां जांच के लिए दर-दर भटक रही हैं

अल्ट्रासाउंड कक्ष में लटके ताले 

महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद सृजित नहीं होने से जिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट को यहां तैनात किया गया था।गर्भवतियों की परेशानी को अनदेखा कर इसी बीच उन्हें रानीखेत संबद्ध कर दिया गया। ऐसे में यहां अल्ट्रासाउंड ठप हो गए हैं। बीते पांच दिनों से अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताले लटके हैं जिनके खुलने का गर्भवतियां इंतजार कर रही हैं।

यहां अल्ट्रासाउंड जांच के लिए हर रोज 30 से 40 गर्भवतियां पहुंच रही हैं। रेडियोलॉजिस्ट न होने से उन्हें अन्य अस्पतालों की दौड़ लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कई गर्भवतियां निजी क्लीनिक का रुख कर ज्यादा फीस चुकाकर अल्ट्रासाउंड जांच कराने के लिए मजबूर हैं। गर्भवतियों को रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती और अल्ट्रासाउंड कक्ष के ताले खुलने का इंतजार है। संवाद

मेडिकल कॉलेज में भी उधारी के रेडियोलॉजिस्ट कर रहे हैं अल्ट्रासाउंड जिले में खोले गए 420 करोड़ के मेडिकल कॉलेज में भी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग से उधारी में यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती हुई है। इससे महिला अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गई है। पूर्व तक जिला अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वर्तमान में महिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट को रानीखेत भेज दिया गया है। एक रेडियोलॉजिस्ट बेस संबद्ध है। ऐसे में जिला अस्पताल में तैनात एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट पर ही सभी मरीजों की जिम्मेदारी है।

रेडियोलॉजिस्ट को रानीखेत संबद्ध किया गया है जिससे व्यवस्था लड़खड़ाई है। जल्द वह फिर से यहां सेवा देंगे और अल्ट्रासाउंड शुरू होंगे। डॉ. प्रीति पंत, पीएमएस, महिला अस्पताल, अल्मोड़ा।

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